मुंबई। रविवार 3 दिसंबर 2023 को केशव गोरे स्मारक ट्रस्ट मुम्बई के मृणालताई हाल में हास्य की शाम कवि आशकरण अटल के नाम रही। पद्मश्री आशकरण अटल की हास्य कविताओं की बारिश में श्रोतागण भीगते रहे, ठहाके लगाते रहे और तालियां बजाते रहे। चित्रनगरी संवाद मंच मुम्बई के इस आयोजन में अटल के साथ कवि सुभाष काबरा ने रोचक बातचीत की।
आशकरण अटल ने अपने स्कूली दिनों को याद करते हुए बताया कि वे दसवीं पास हैं और उनकी एक कविता “क्या हमारे पूर्वज बंदर थे” छत्तीसगढ़ के 11वीं के पाठ्यक्रम में पढ़ाई जाती है। अटल जी ने अपने रचनात्मक सफ़र में हवाई जहाज से लेकर बैलगाड़ी तक की यात्रा को याद किया। उन्होंने जबलपुर में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के सामने अपने काव्य पाठ का रोमांचक अनुभव भी बयान किया। उल्लेखनीय है कि आश कारण अटल बाहर के 19 देशों में 66 बार कविता पाठ कर चुके हैं। इनमें चीन, इंगलैंड, अमरीका, रूस, जर्मनी, स्विट्जरलैंड आदि देश शामिल हैं।
हास्य कविता के दूसरे सत्र में सुभाष काबरा, महेश दुबे, नवीन चतुर्वेदी, राजू मिश्र, प्रदीप गुप्ता, शेखर अस्तित्व और शिवम सोनी की रचनाओं का श्रोताओं ने भरपूर लुत्फ़ उठाया। चित्रनगरी संवाद मंच में पहली बार पधारे महेश साहू के व्यंग्य लेख और प्रतीक माहेश्वरी की व्यंग्य कविता को भरपूर सराहा गया। आगरा से पधारी कवयित्री भूमिका जैन ने तरन्नुम में एक ख़ूबसूरत गीत सुना कर श्रोताओं को भावविभोर कर दिया। कार्यक्रम में मौजूद वरिष्ठ साहित्यकार मनहर चौहान ने अपने परिवार के साथ हास्य कविताओं का जमकर लुत्फ़ उठाया। मराठी के प्रतिष्ठित रंगकर्मी सचिन शंकर पगारे तथा कई रचनाकारों ने अपनी मौजूदगी से आयोजन की गरिमा बढ़ाई।