मध्य प्रदेश मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को दस साल का कार्यकाल पूरा करने पर अपनी पत्नी साधना सिंह से एक नायाब तोहफा मिला। यह तोहफा शिवराज पर केंद्रित किताब ‘मोहे कहां विश्राम” के रूप में है। इसका विमोचन करते हुए चौहान ने पत्नी की तारीफ करते हुए कहा, ‘इनके बिना दस साल का सफर आसानी से पूरा नहीं हो सकता था, वास्तव में हम एक-दूसरे के पूरक हैं। इसकी वजह से इन पर (पत्नी) कई हमले (राजनीतिक) भी हुए।”
मुख्यमंत्री निवास पर बधाई देने वालों की भीड़ के बीच साधना सिंह ने यह ‘सरप्राइज गिफ्ट” दिया। उन्होंने कहा यह किताब सिर्फ पतिदेव के लिए है, आप लोगों की जिज्ञासा होगी कि इसमें क्या है, यह (शिवराज) चाहें तो आपके लिए उपलब्ध करा सकते हैं।
शिवराज की जीवन यात्रा को दर्शाने वाली यह चित्रात्मक किताब ‘मोहि कहाँ विश्राम’ साधना सिंह, उनके पुत्र कार्तिकेय एवं कुणाल ने मिलकर छह महीने में तैयार की है। किताब में मुख्यमंत्री के व्यक्तित्व के अनछुए पहलुओं और जीवन-यात्रा के महत्वपूर्ण पड़ावों का उल्लेख है।
मुख्यमंत्री के रूप में दस वर्ष का कार्यकाल पूरा करने पर अपने अभिनंदन से अभिभूत शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि भाजपा ने ही उन्हें गढ़ा है। वरिष्ठ नेताओं की शिक्षा और संस्कारों से ही वह यहां तक पहुंचे। पार्टी में इतनी ताकत है कि मेरी जगह कोई भी होता तो ऐसा ही करता। मरते दम तक पार्टी को नहीं लजाउंगा। इस मौके पर प्रदेश प्रभारी डॉ विनय सहस्त्रबुद्धे ने कहा कि संगठन को ऐसे दर्जनों शिवराज चाहिए।
प्रदेश बीजेपी द्वारा पं.दीनदयाल परिसर में आयोजित स्वागत समारोह में शिवराज ने अपने संघर्ष के दिनों से लेकर सफलता की गाथा सुनाई। पार्टी के प्रति कृतज्ञता जताते हुए बोले कि बचपन से ही जनसंघ से जुड़ गया था। कुशाभाऊ ठाकरे से लेकर कैलाश जोशी-सुंदरलाल पटवा सहित वरिष्ठ नेताओं का इतना स्नेह मिला कि जीवन धन्य हो गया। मीडिया में इधर-उधर की कुछ भी बातें चलें लेकिन पूरी पार्टी एक परिवार है। मैं तो सबसे जूनियर कार्यकर्ता हूं।
श्री शिवराज सिंह ने कहा, मैंने अपने लिए पार्टी से कभी कुछ नहीं मांगा, चाहे विधानसभा चुनाव लड़ने का अवसर हो या फिर लोकसभा का, पार्टी ने ही मुझे आदेश दिया। उन्होंने आपातकाल के संस्मरण से लेकर अटल बिहारी वाजपेयी और लालकृष्ण आडवाणी के साथ बिताए समय का भी जिक्र किया।
केन्द्रीय मंत्री तोमर बोले कि मप्र में और भी मुख्यमंत्री रहे। उन्होंने दस वर्ष भी पूरे किए लेकिन उनको याद करने से रूह कांपती है। शिवराज की कथनी और करनी एक है। उनकी जनता के साथ अद्भुत एकात्मता और केमिस्ट्री है। उनकी नीति और नीयत बिल्कुल साफ है।
बीजेपी के राष्ट्रीय महामंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि मप्र में पार्टी ने अंगद की तरह पैर जमा लिया है। उन्होंने पुराने संस्मरण सुनाते हुए यह भी कह दिया कि मैं स्वयं, नरेंद्र तोमर और प्रभात झा तीनों दिल्ली में ही संतुष्ट और मस्त हैं। 2018 के चुनाव में हम सभी यहां पार्टी को चुनाव जिताने आएंगे।
कैलाश विजयवर्गीय पुराने संस्मरण सुनाते हुए बोले कि शिवराज और उनका दशकों पुराना साथ है। हर सफल व्यक्ति के पीछे एक महिला होती है, शिवराज के पीछे साधना भाभी ही हैं। शिवराज को अहंकार छू भी नहीं गया, यह काम कोई साधु ही कर सकता है। फिर उन्होंने मजाक करते हुए यह भी कहा कि मैं जानता हूं कि उनकी कोई महिला मित्र नहीं।
कार्यक्रम के अंत में संगठन महामंत्री रामलाल ने जनता और कार्यकर्ताओं के प्रति आभार जताया। वह बोले कि शिवराज में संवेदनशीलता और सहजता है। हमेशा पार्टी की सोच से चलते हैं। इस मौके पर पूर्व मुख्यमंत्रीद्वय सुंदरलाल पटवा, कैलाश जोशी, प्रदेश अध्यक्ष नंदकुमार सिंह चौहान, बाबूलाल गौर, सत्यनारायण जटिया, मेघराज जैन और अरविंद मेनन सहित बड़ी संख्या में पदाधिकारी और कार्यकर्ता मौजूद थे।
साभार -दैनिक नईदुनिया से