उस्मानिया यूनिवर्सिटी में होने वाला सालाना बीफ फेस्टिवल का सरेआम विरोध कर चर्चा में आए बीजेपी विधायक टी. राजा सिंह की जिंदगी का एक ही मकसद है- गौ रक्षा। गोशामहल विधानसभा सीट से पहली बार विधायक बने राजा सिंह को उनके समर्थक राजाभैया भी कहते हैं। उनका कहना है, ‘गौ हत्या रोकने के लिए मैं कुछ भी कर सकता हूं। यह मेरे जीवन का लक्ष्य है।’ ‘इंडियन एक्सप्रेस’ से खास बातचीत में उन्होंने कहा, ‘मैं इस फेस्टिवल को रोकने के लिए हरसंभव प्रयास करूंगा, मेरा मानना है कि यह हिंदुओं की भावनाओं को ठेस पहुंचाता है।’ राजा सिंह ने कहा, ‘मुझे हैदराबाद में होने वाले बीफ फेस्टिवल को रोकने के लिए किसी की मदद की जरूरत नहीं है, अपनी पार्टी की भी नहीं। मेरे समर्थक मेरे साथ हैं और मुझे भरोसा है कि इस फेस्टिवल के पीछे AIMIM का हाथ है। जिनका मकसद हिंदुओं की भावनाओं को ठेस पहुंचाना है।
बीफ फेस्टिवल के आयोजन के पीछे एक लक्ष्य नरेंद्र मोदी की छवि खराब करना भी है।’ राजा सिंह का यह भी कहना है कि उन्हें भाजपा के रुख की कोई परवाह नहीं है, वह इस फेस्टिवल को किसी कीमत पर नहीं होने देंगे। उन्होंने कहा, ‘हम नहीं चाहते कि यहां दादरी जैसी कोई घटना हो। पर मैं गायों की रक्षा के लिए मारने और मरने से पीछे नहीं हटूंगा। इस फेस्टिवल को रोकने से मुझे नरेंद्र मोदी भी नहीं रोक सकते। लोगों को अपने पसंद का खाना खाने की पूरी आजादी है। लेकिन इससे किसी की धार्मिक भावना आहत नहीं होनी चाहिए।’
राजा सिंह ने 2009 में तेलुगु देशम पार्टी ज्वाइन करके राजनीति की शुरुआत की थी। 2014 में वह बीजेपी में शामिल हो गए और गोशमहल सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी को हराकर पहली बार विधानसभा पहुंचे। सांप्रदायिक हिंसा के पांच मामलों में राजा सिंह के खिलाफ केस दर्ज हैं। इस संबंध में पूछ जाने पर वह कहते हैं- ये सभी झूठे मामले हैं। उन्होंने बताया कि हत्या और हत्या की कोशिश के मुकदमों में उन्हें बरी किया जा चुका है। राजा सिंह ने दावा किया कि उन पर जितने भी केस दर्ज किए गए, सभी में वह बेकसूर साबित हो चुके हैं। गौरतलब है कि बीजेपी विधायक पर 2003 में हैदराबाद के दो पादरियों की हत्या में शामिल होने का आरोप है। राजा सिंह ने बताया कि वह अभी तक 1000 गायों को स्लॉटर हाउस में कटने से बचा चुके हैं। उन्होंने कहा, ‘गौ-रक्षा की वजह से मेरे खिलाफ 60 केस दर्ज किए गए और मुझे इन पर गर्व है।’
साभार– इंडियन एक्सप्रेस से