यह एक स्तब्ध कर देने वाला अनुभव था। एक स्त्री को स्त्री होने के नाते समाज में किन-किन हादसों से गुज़रना पड़ता है इस त्रासद दास्तान को #उसके_साथ नाटक के ज़रिए रंगकर्मी आलोक शुक्ला और रूमा रजनी ने अपने असरदार अभिनय से साकार किया। एक तरफ़ आलोक शुक्ला ने विविध पात्रों को उनके विशिष्ट अंदाज़ में पेश किया तो दूसरी तरफ़ रूमा रजनी ने स्त्री की व्यथा कथा और उस पर हो रहे अत्याचार को बहुत मार्मिकता के साथ अभिव्यक्त किया।
रविवार 19 मई 2024 को मृणालताई हाल, केशव गोरे स्मारक ट्रस्ट गोरेगांव में आयोजित चित्रनगरी संवाद मंच मुम्बई के साप्ताहिक आयोजन में दिल्ली की #प्रासंगिक रंग संस्था की ओर से रंगकर्मी आलोक शुक्ला के निर्देशन में ‘उसके साथ’ नाटक का मंचन किया गया। इस नाटक को दर्शकों ने भरपूर सराहा। नाटक के मंचन के बाद कथाकार सूरज प्रकाश ने पूरी टीम को बधाई दी और कहा कि इस नाटक में कई सत्य घटनाओं के अक्स दिखाई पड़ते हैं और ये तस्वीरें विचलित करने वाली हैं।
#धरोहर के अंतर्गत पंजाबी के सुप्रसिद्ध कवि #सुरजीत_पातर की कविताओं का पाठ कवयित्री इला जोशी ने किया। भोपाल से पधारे सहायक पुलिस आयुक्त एवं ओजस्वी कवि चौधरी मदन मोहन सिंह समर के सान्निध्य में आयोजित काव्य संध्या में कई लब्ध प्रतिष्ठित कवियों ने कविता पाठ किया। इनमें विभा रानी, दीप्ति मिश्र, मधु अरोड़ा और सुभाष काबरा जैसे कई प्रतिष्ठित रचनाकार शामिल थे। अभिनेता सतीश दत्ता के गायन से कार्यक्रम का समापन हुआ।
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