Sunday, November 24, 2024
spot_img
Homeदुनिया मेरे आगेब्रिटेन के प्रधान मंत्री किएर स्टार्मर टूटे घर में रहे और बचपन...

ब्रिटेन के प्रधान मंत्री किएर स्टार्मर टूटे घर में रहे और बचपन में वेश्यालय की छत पर की पढ़ाई

चुनावों में 650 सीटों वाली ब्रिटेन की संसद में लेबर पार्टी ने 412 सीटें जीती हैं और पार्टी के नेता किएर स्टार्मर अब देश के नए प्रधानमंत्री बन गए हैं.

ब्रिटेन के प्रधान मंत्री स्टार्मर वाम विचारों के समर्थक हैं. वह एक प्रसिद्ध वकील, कुशल खिलाड़ी और संगीतप्रेमी भी हैं. कभी राजनीति छोड़ किताबें बेचने की सोच रहे थे, पर आज वह ब्रिटेन की राजनीति के शिखर पुरुष बन गए हैं.

यह एक वकील जिन्होंने ब्रिटीश राजघराने की ओर से आतंकवादियों के खिलाफ मुकदमा लड़ने से पहले शाकाहार समर्थकों का बचाव करने को प्राथमिकता दी. वह युवावस्था में पूंजीवाद विरोधी ट्रॉटस्की पत्रिका के संपादक थे, फिर भी उन्होंने इस साल सेबर पार्टी के मंच से दिए गए अपने भाषणों में ‘धन सृजन’ को बढ़ावा देने की बात देने की बात कहकर पूंजीपतियों को खुश किया, वह लेबर पार्टी के इतिहास में पहले नेता है, जिन्हें नौकरी मिलने से पहले ‘सर’ की उपाधि मिली.

राजशाही विरोधी होने के बावजूद उन्हें अब सप्ताह में एक बार निश्चित रूप से ब्रिटिश क्राउन से मुलाकात करना होगा. 1990 के दशक में वे मैकडॉनल्ड्स और दो पर्यावरण कार्यकर्ताओं हेलेन स्टील और डेविड मॉरिस के बीच 10 वर्षों तक चलने वाले एक कुख्यात मुकदमे ‘मैक्तिबेल’ की वजह से चर्चा में थे. जब सामाजिक कार्यकर्ताओं को कानूनी सहायता से वंचित किए जाने के बाद अदालत में अपना प्रतिनिधित्व खुद करने के लिए मजबूर होना पड़ा तो उनका साथ दिया सर कीर स्टार्मर ने।

ये वही कीर स्टार्मर है, जिनका सम्मान विरोधी दल के नेता भी करते है. इन्होंने ब्रिटेन की राजनीति में तहलका मचाते हुए कंजर्वेटिव पार्टी का चौदह वर्षों का वर्चस्व तोड़ा और लेबर पार्टी के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में जीत हासिल की, राजनीतिक कैरिअर की शुरूआत करने से पहले उन्होंने मानवाधिकार मुद्दों पर काम करने वाले असाधारण वैरिस्टर के “रूप में ख्याति अर्जित की थी. उन्हें 2010, 2015, 2017 और 2019 में चुनावी हार का भी सामना करना पड़ा थी. नास्तिक हैं, हर रविवार खेलते हैं फुटबॉल

भगवान में आस्था नहीं रखने वाले कीर स्टार्मर ने स्वास्थ्य और पर्यावरणीय कारणों से पिछले 30 सालों से मांसाहार का सेवन नहीं किया. उनकी पत्नी विक्टोरिया भी शाकाहारी है. हालांकि, स्टामेर ने हाल ही में मछली खाना शुरू किया है, स्टार्मर फुटबॉल प्रशंसक होने के साथ शौकिया खिलाड़ी भी है. वह आज भी हर रविवार दोस्तो के साथ फुटबॉल खेलते है. एक खिलाड़ी के तौर पर उन्हें कई बार बॉक्स-टू-बॉक्स निडफील्ड जनरल नाम से भी बुलाया जाता है.

स्टार का जन्म दो सितंबर, 1962 को लंदन, “इंग्लैंड में हुआ था. पितो रोडनी स्टार्मर एक कारखाने में टूलमेकर थे और मां जोसेफिन स्टार्मर एक नर्स थी. उनकी मां स्टील्स डीजीज नाम एक दुर्लभ बीमारी से पीड़ित थी. पिता कट्टर वामपंथी थे, इसलिए लेबर पार्टी के पहले संसदीय नेता जे कीर हार्डी के नाम पर उनका नाम कीर रखा. सरे में पले- बढ़े, और रोगेट ग्रामार स्कूल में पढ़ाई के बाद उन्होंने 1985 में लीड्स विश्वविद्यालय से कानून में स्नातक की डिग्री प्राप्त की. इसके बाद उन्होंने सेट एडमड हॉल, ऑक्सफोर्ड से सिविल लॉ में स्नातकोतर की डिग्री प्राप्त की. स्टार्मर अपनी पत्नी विक्टोरिया को विक कहकर बुलाते थे. उन्होंने 2007 में विवाह किया था. पेशे से दोनों वकील है. उन्होंने 2007 में विवाह किया था. पेशे से दोनो वकील है. दंपती के दो बच्चे है. वह अपने परिवार के पहले डिग्रीधारी सदस्य थे.

कीर के माता-पिता पशु प्रेमी थे, जो गधों का संरक्षण करते थे. जब भी कोई भाई-बहन घर से बाहर जाता था, तो उसकी जगह एक गधा रखा देते थे, जिससे उनकी कमी महसूस नहीं होती थी. कौर ने बांसूरी, रिकॉर्डर, पियानो और वायलिन जैसे वाद्य यंत्रों को बजाने में महारत हासिल की है.

स्टार्मर मध्यमवर्गीय परिवार से थे. उनका पालन-पोषण एक तंग, कंकड़-पत्थर से बने टूटे-फूटे घर में हुआ था. जब वह पोस्ट- ग्रेजुएशन की पढ़ाई के लिए लंदन गए तो उनके पास ज्यादा पैसे नहीं थे. इसके चलते उन्हें वेश्यालय की छत पर बने कमरे में रहना पड़ा था. छोटासा वह कमरा काफी गंदा था और आसपास बहुत शोर था. छोटे से उस किराये के कमरे में रहकर भी उन्होंने भविष्य के सपने देखना नहीं छोड़ा.

डीजे और प्रसिद्ध रेकॉर्ड निर्माता फैटबॉय स्लिम के साथ वायलिन सीखा. पढ़ाई, खेलकूद के साथ संगीत मे भी उनका प्रदर्शन शानदार होने के कारण उन्हें ग्रामर स्कूल का सुपरबॉय बुलाया जाता था. राजनीति छोड़ किताबें बेचना चाहते थे.

2021 में हार्टपूल के उपचुनाव में मिली हार बाद कीर स्टार्मर राजनीति को अलविदा कहने वाले थे. वह चुनाव में मिली हार से बेहद दुखी है. इसलिए उन्होंने राजनीति छोड़कर किताबें बेचने का मन बनाया. हालांकि अपनी पत्नी और एक दोस्त की सलाह पर उन्होंने बाद में यह विचार त्याग दिया.

स्टार्मर भारत के साथ नये सिरे से रणनीतिक साझेदारी के पक्षधर हैं। उन्होंने भारतीय मूल के लोगों के साथ लेबर पार्टी के संबंधों में सकारात्मक बदलाव की वकालत की है। उन्होंने अपनी पार्टी को मजबूत जनादेश मिलने पर भारत के साथ मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) के साथ-साथ वैश्विक सुरक्षा, शिक्षा, प्रौद्योगिकी और जलवायु परिवर्तन जैसे क्षेत्रों में साझेदारी बढ़ाने का संकल्प जताया था। लेबर पार्टी के चुनावी घोषणापत्र में भी इसे शामिल किया गया था। स्टार्मर ब्रिटिश भारतीयों के साथ अपनी पार्टी के रिश्ते को नये सिरे से आकार देने की कोशिश कर रहे हैं, जो पूर्व नेता जेरेमी कॉर्बिन के समय कश्मीर पर भारत विरोधी रुख को लेकर प्रभावित हुए थे। स्टार्मर ने पिछले साल इंडिया ग्लोबल फोरम में कहा था, मेरी लेबर पार्टी की सरकार भारत के साथ लोकतंत्र और आकांक्षा के हमारे साझा मूल्यों पर आधारित संबंध तलाशेगी।

स्टार्मर ने प्रचार के दौरान उत्तरी लंदन में श्री स्वामीनारायण मंदिर यात्रा पर कहा था कि ब्रिटेन में हिंदुओं के खिलाफ नफरत के लिए कोई जगह नहीं है। इस संदेश को वह बीते कुछ वर्षों से दिवाली और होली के उत्सवों के दौरान दोहराते रहे हैं। पार्टी के इसी रुख ने उसे सत्तारूढ़ करने में अहम भूमिका निभाई है।

ब्रिटेन के आम चुनाव में ‘लैरी द कैट’ की भी खूब चर्चा रही है। लैरी 16 साल की एक बिल्ली है। वह ब्रिटेन के प्रधानमंत्री आवास 10 डाउनिंग स्ट्रीट में रहती है। उसे ‘चीफ माउसर टू द कैबिनेट’ का दर्जा मिला हुआ है। उसे 2011 में यह पदवी मिली थी। वह 2011 से ही प्रधानमंत्री आवास पर रहती है। ‘लैरी द कैट’ को डेविड कैमरून में कार्यकाल में प्रधानमंत्री आवास में लाया गया था। उसे कैमरून ने एक नौकरशाह का दर्जा दिया था। लैरी का मुख्य काम प्रधानमंत्री आवास पर चूहे पकड़ना है। लैरी लगातार प्रधानमंत्री आवास और उसके आसपास घूमा करती है। उसके यहां रहते हुए प्रधानमंत्री आवास में पांच प्रधानमंत्री और उनके परिवार रहने आ चुके हैं। अब स्टार्मर के रूप में वह छठा प्रधानमंत्री देखेगी।

एक निवेदन

ये साईट भारतीय जीवन मूल्यों और संस्कृति को समर्पित है। हिंदी के विद्वान लेखक अपने शोधपूर्ण लेखों से इसे समृध्द करते हैं। जिन विषयों पर देश का मैन लाईन मीडिया मौन रहता है, हम उन मुद्दों को देश के सामने लाते हैं। इस साईट के संचालन में हमारा कोई आर्थिक व कारोबारी आधार नहीं है। ये साईट भारतीयता की सोच रखने वाले स्नेही जनों के सहयोग से चल रही है। यदि आप अपनी ओर से कोई सहयोग देना चाहें तो आपका स्वागत है। आपका छोटा सा सहयोग भी हमें इस साईट को और समृध्द करने और भारतीय जीवन मूल्यों को प्रचारित-प्रसारित करने के लिए प्रेरित करेगा।

RELATED ARTICLES
- Advertisment -spot_img

लोकप्रिय

उपभोक्ता मंच

- Advertisment -

वार त्यौहार