Wednesday, November 13, 2024
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वैज्ञानिकों ने शास्त्रीय और क्वांटम गुरुत्व को जोड़ने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है

शोधकर्ताओं ने गुरुत्वाकर्षण और क्वांटम यांत्रिकी के शास्त्रीय सिद्धांत को एकीकृत करने की दिशा में एक कदम आगे बढ़ाते हुए अपनी गणना के माध्यम से गुरुत्वाणु – गुरुत्वाकर्षण की काल्पनिक मात्रा और गुरुत्वाकर्षण संपर्क के बल की मध्यस्थता करने वाले प्राथमिक कण- के शोर से प्रेरित अनिश्चितता का संबंध पाया। जबकि शास्त्रीय भौतिकी नियमों और समीकरणों का एक समूह है जो बताता है कि सामान्य वस्तुएं कैसे व्यवहार करती हैं और क्वांटम भौतिकी परमाणुओं और छोटी वस्तुओं की दुनिया का वर्णन करती है।

एस.एन. बोस नेशनल सेंटर फॉर बेसिक साइंसेज में खगोल भौतिकी (आईआईए) और उच्च ऊर्जा भौतिकी विभाग के श्री सोहम सेन और प्रो. सुनंदन गंगोपाध्याय स्थलीय प्रणालियों में क्वांटम गुरुत्वाकर्षण के संकेत खोजने में लगे हुए हैं, जो गुरुत्वाकर्षण के पूर्ण क्वांटम सिद्धांत की बेहतर समझ विकसित करेगा। यह वो मौलिक समस्या है जो अल्बर्ट आइंस्टीन के समय से अनसुलझी है।

क्वांटम गुरुत्व (क्यूजी) सैद्धांतिक भौतिकी का एक क्षेत्र है जो क्वांटम यांत्रिकी के सिद्धांतों के अनुसार गुरुत्वाकर्षण का वर्णन करता है। यह ऐसे वातावरण से संबंधित है जिसमें न तो गुरुत्वाकर्षण और न ही क्वांटम प्रभावों को नजरअंदाज किया जा सकता है, जैसे कि ब्लैक होल या न्यूट्रॉन सितारों जैसी कॉम्पैक्ट खगोलीय वस्तुएं।

यह पहले दिखाया गया है कि जब गुरुत्वाकर्षण क्षेत्र को क्वांटम यांत्रिक रूप से व्यवहार किया जाता है, तो यह एलआईजीओ के इंटरफेरोमीटर जैसे गुरुत्वाकर्षण तरंग डिटेक्टरों की भुजाओं की लंबाई में उतार-चढ़ाव या शोर उत्पन्न करता है।

इस शोर की विशेषताएं गुरुत्वाकर्षण क्षेत्र की क्वांटम स्थिति पर निर्भर करती हैं। इस मौलिक शोर का पता लगाना गुरुत्वाकर्षण के परिमाणीकरण और गुरुत्वाकर्षण और क्वांटम सिद्धांत के बीच की कड़ी गुरुत्वाणु के अस्तित्व के लिए प्रत्यक्ष प्रमाण होगा।

इस तरह के कार्यों को आगे बढ़ाते हुए, प्रोफेसर गंगोपाध्याय और श्री सोहम सेन ने क्वांटम गुरुत्वाकर्षण क्षेत्र में स्वतंत्र रूप से गिरने वाले पिंडों के भाग्य की जांच की है। उनकी गणना से गुरुत्वाकर्षण के शोर से प्रेरित स्थिति और गति चर के बीच एक अनिश्चितता संबंध प्राप्त हुआ है।

अनिश्चितता का संबंध एक सच्चे क्वांटम गुरुत्वाकर्षण प्रभाव को इंगित करता है और गणना स्पष्ट रूप से इंगित करती है कि परिमाणित गुरुत्वाकर्षण क्षेत्र के साथ कण की स्वतंत्रता की डिग्री का सही युग्मन है।

प्रोफेसर सुनंदन गंगोपाध्याय ने कहा, “सामान्यीकृत अनिश्चितता सिद्धांत की हमारी व्युत्पत्ति इस अर्थ में मजबूत है कि परिणाम गुरुत्वाकर्षण की क्वांटम प्रकृति को ध्यान में रखकर प्राप्त किया गया था।”

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