Saturday, December 21, 2024
spot_img
Homeज्ञान-विज्ञानक्वांटम इनर्फिरन्सेंज परमाण्विक माध्यम में उच्च सटीकता वाले क्वांटम सेंसर के लिए...

क्वांटम इनर्फिरन्सेंज परमाण्विक माध्यम में उच्च सटीकता वाले क्वांटम सेंसर के लिए प्रकाश को संग्रहीत कर सकता है

प्रयोगकर्ताओं ने एक परमाण्विक माध्यम में उपयुक्त प्रकाशीय प्रतिक्रिया प्राप्त की है, जिसका उपयोग प्रकाश को काफी समय तक संग्रहीत करने के लिए किया जा सकता है, जिससे उच्च सटिकता वाले क्वांटम सेंसरों के लिए कई क्वांटम प्रोटोकॉल के अनुप्रयोगों को डिजाइन करना और आसान हो जाएगा।

पिछले कई सालों से वैज्ञानिक रुबिडियम और सीजियम जैसे क्षारीय परमाणुओं पर काम कर रहे हैं, लेकिन पोटेशियम के प्रयोग के लिए बहुत कम प्रयास किए गए हैं, क्योंकि इस तत्व के साथ काम करना बहुत कठिन है।

विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) के स्वायत्त संस्थान रमन रिसर्च इंस्टीट्यूट में क्वांटम मिक्सचर (क्यूमिक्स) लैब के गौरव पाल और डॉ. सप्तऋषि चौधरी ने अपने सहयोगी प्रोफेसर सुभाशीष दत्ता गुप्ता, टीआईएफआर हैदराबाद के साथ मिलकर थर्मल पोटेशियम का इस्तेमाल किया और परमाणविक माध्यम में क्वांटम इंटरफेरेंस पैदा करने के लिए परमाणुओं को दो लेजर लाइट के अधीन किया। इस परमाणविक माध्यम के अंदर क्वांटम कोहिरंस नियंत्रित प्रकाश का उपयोग करके पैदा किया गया, जो एक लेजर भी है। पोटेशियम परमाणुओं का उपयोग करके प्रयोग करने के लिए ये जांच और नियंत्रित प्रकाश अत्यधिक स्थिर लेजर स्रोतों से प्राप्त किया गया था।

“इस कार्य की नवीन प्रकृति कोहिरंट माध्यम द्वारा विद्युत चुम्बकीय रूप से प्रेरित ट्रांस्‍परेंसी (ईआईटी) अध्ययन करने के लिए पोटेशियम परमाणुओं के उपयोग में निहित है। हमने जांच प्रकाश प्रतिक्रिया को समझने की कोशिश की, जब यह एक परमाणविक कोहिरंट माध्यम से गुजरा,” गौरव पाल, पीएचडी छात्र और ‘पोटेशियम वाष्प में वेग चयनात्मक कई दो-फोटोन डार्क और ब्राइट रेजोनेंस’ शीर्षक वाले पेपर के प्रमुख लेखक ने कहा।

ईआईटी एक क्वांटम इंटरफेरेंस घटना है, जो परमाणविक माध्यम में ऑप्टिकल प्रतिक्रिया को नाटकीय रूप से संशोधित करती है। ऑप्टिकल नॉनलीनियारिटी में, प्रकाश के उपयोग से प्रकाश को नियंत्रित करने के कई अनूठे अवसर होते हैं। और इसका एक बहुत अच्‍छा उदाहरण ईआईटी है। यह घटना तब होती है, जब एक सघन माध्यम से गुजरते समय एक जांच किरण के संचरण को नियंत्रित किरण के माध्यम से नियंत्रित किया जाता है।  ईआईटी प्रयोग प्रकाश के एक या अधिक कणों के साथ क्वांटम डोमेन में स्केलेबल होने के कारण, संबंधित पदार्थ वांछित रूप से परमाणुओं और फोटॉनों के साथ क्वांटम प्रोटोकॉल के कार्यान्वयन की अनुमति देता है।

प्रयोगों के बाद किए गए अवलोकनों ने आश्चर्यजनक परिणाम दिए। सिर्फ़ एक अनुनाद रेखा आकार को देखने के बजाय, जैसा कि अन्य क्षारीय परमाणुओं के मामले में होता रहा है, क्यूमिक्स प्रयोगकर्ताओं ने इस बार एक ही अवशोषण स्पेक्ट्रम में तीन-रेखा आकार देखे।

क्यूमिक्स लैब के सह-लेखक और प्रमुख डॉ. चौधरी ने कहा, “पोटेशियम वाष्प का उपयोग करके तीन पारदर्शिता खिड़कियों की यह नई विशेषता पहली बार देखी गई। आमतौर पर, पिछले अध्ययनों में केवल एक रेखा आकार को रिपोर्ट किया गया है, जिसमें रुबिडियम या सीज़ियम परमाणुओं का उपयोग किया गया था।”

फिजिका स्क्रिप्ट में प्रकाशित नवीनतम शोधपत्र ने कोहिरंट परमाणविक माध्‍यम में विभिन्न प्रकार के क्वांटम अनुनादों पर समग्र वर्तमान समझ को और बेहतर किया है।

“अतिरिक्त टू-लाइन आकार विशेष रूप से पोटेशियम परमाणुओं में निकट-अंतर वाली, अति सूक्ष्म ग्राउंड स्‍टेट्स के कारण उभरे। दो लेजर लाइटों को गतिशील परमाणुओं का उपयोग करके अपने उत्तेजना पथों का आदान-प्रदान करते हुए पाया गया, जिससे दो अतिरिक्त अनुनाद रेखाएँ उत्‍पन्‍न हुईं। हमने इनका प्रयोगात्मक रूप से उचित सैद्धांतिक मॉडलिंग के साथ अध्ययन किया है,” पाल ने समझाया।

प्रकाश किरणों के फोटॉन परमाणविक माध्यम के अंदर संग्रहीत होते हैं। जब परमाणविक माध्यम में कोहिरंस स्थापित हो जाता है, तो प्रकाश की जानकारी फोटॉन से परमाणुओं में चली जाती जाती है। कुछ समय बाद, यह प्रक्रिया पूर्व दशा में लौट आती है।

क्वांटम प्रौद्योगिकियों के क्षेत्र में भारत द्वारा अपने अनुसंधान और विकास प्रयासों को तेजी से आगे बढ़ाने के साथ, आरआरआई शोधकर्ताओं ने कहा कि प्रकाश को काफी समय तक संग्रहीत करने की यह क्षमता क्वांटम मेमोरी और क्वांटम संचार सहित कई, भविष्य के क्वांटम प्रोटोकॉल में काम आएगी। पोटेशियम का उपयोग करके कोहिरंट परमाणविक मीडिया की इस समझ का सीधा अनुप्रयोग लेज़र के अति-सटीक आवृत्ति स्थिरीकरण के क्षेत्र में होगा।

चूँकि लाइन शेप्‍स आवृत्ति डोमेन में स्थिति के संदर्भ में ट्यून करने योग्य हैं, इसलिए यह लेजर आवृत्ति को स्थिर करने के लिए एक आदर्श उपकरण है, खास तौर पर जहाँ स्पेक्ट्रोस्कोपिक रेफरेंसेज उपलब्ध नहीं हैं। शोधकर्ताओं ने कहा कि इससे महंगे वेब-लेंग्‍थ मीटर का उपयोग करने की आवश्यकता नहीं होगी।

आरआरआई की जोड़ी ने दावा किया कि निष्कर्ष अद्वितीय है, क्योंकि यह पुष्टि करता है कि क्वांटम मास्टर समीकरण (क्यूएमई) विवरण उन मामलों में भी मान्य है, जहां ग्राउंड एनर्जी लेवल सेपरेशन छोटा है। क्यूएमई क्वांटम मैकेनिकल सिस्टम (यहां पोटेशियम परमाणविक वाष्प) का अनुरूपण करने के लिए एक सैद्धांतिक उपकरण है, जहां प्रकाश-पदार्थ इंटरैक्शन का अध्ययन किया जाता है। यह तरीका विभिन्न संभावित डिके टर्म्स को शामिल करने के लिए फ्लेक्‍सेबुल है, जो वास्तविक दुनिया के क्वांटम सिस्टम की नकल करते हैं। हम लोगों ने अपने सैद्धांतिक मॉडलिंग में प्रासंगिक डिके टर्म्स के साथ क्यूएमई का इस्‍तेमाल किया है।

शोध पत्र लिंक: https://iopscience.iop.org/article/10.1088/1402-4896/ad5b2c

एक निवेदन

ये साईट भारतीय जीवन मूल्यों और संस्कृति को समर्पित है। हिंदी के विद्वान लेखक अपने शोधपूर्ण लेखों से इसे समृध्द करते हैं। जिन विषयों पर देश का मैन लाईन मीडिया मौन रहता है, हम उन मुद्दों को देश के सामने लाते हैं। इस साईट के संचालन में हमारा कोई आर्थिक व कारोबारी आधार नहीं है। ये साईट भारतीयता की सोच रखने वाले स्नेही जनों के सहयोग से चल रही है। यदि आप अपनी ओर से कोई सहयोग देना चाहें तो आपका स्वागत है। आपका छोटा सा सहयोग भी हमें इस साईट को और समृध्द करने और भारतीय जीवन मूल्यों को प्रचारित-प्रसारित करने के लिए प्रेरित करेगा।

RELATED ARTICLES
- Advertisment -spot_img

लोकप्रिय

उपभोक्ता मंच

- Advertisment -

वार त्यौहार