सामाजिक कार्यकर्ता प्रेमशंकर ने कहा कि सेवा सहज नहीं होती। बिना करुणा के सेवा संभव नहीं है। हमें गर्व है कि आज युवा समाज में सेवा के कार्यों से जुड़ रहे हैं। आज भारत विश्व में आगे बढ़ रहा है। हम एक तरफ समृद्धि के शिखर की ओर बढ़ रहे हैं, वहीं कई ऐसे क्षेत्र हैं यहां कार्य करने की आवश्यकता है। इस कमी को हमारे युवा साथियों को पूरा करना है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत की दृष्टि सेवाभावी है और हमें एकजुट होकर समाज के विभिन्न क्षेत्रों में काम करना चाहिए है। उन्होंने जोर देकर कहा कि हमारे यहां अर्थ जगत को प्रतिष्ठा नहीं है। हमारे यहां सेवा, समर्पण, त्याग और तपस्या की प्रतिष्ठा है। हमारी संस्कृति कहती है कि प्रत्येक मनुष्य में परमात्मा का अंश है। इसलिए समाज को प्रत्येक मनुष्य की चिंता करनी चाहिए।डॉ. सुनील मलिक ने कहा कि कई देशों को मुफ्त वैक्सीन उपलब्ध कराना हमारी सेवा दृष्टि का प्रतीक है। सेवा करने वाले हाथ पूजा करने वाले हाथों से अधिक पवित्र होते हैं। इस प्रकार के संगम से सेवा को नए आयाम मिलेंगे।
इस अवसर पर नेत्र विशेषज्ञ डॉ. पीएस बिंद्रा ने कहा कि स्वामी विवेकानंद समाज के पथ प्रदर्शक हैं। उन्होंने युवाओं को नई ऊर्जा और प्रेरणा देने का कार्य किया है। उन्होंने कहा कि समाज में विभिन्न क्षेत्रों में कार्य करते हुए, सकारात्मक रहते हुए समाज को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाना युवाओं की नैतिक जिम्मेदारी बनती है। इस संदर्भ में, डॉ. बिंद्रा ने यह भी बताया कि बीमार समाज में युवा सेवा संगम जैसे कार्यक्रम एक नई ऊर्जा देने का कार्य करते हैं। इस प्रकार के कार्यक्रम युवाओं को निरंतर सेवा करने के लिए प्रेरित करते हैं।
कार्यक्रम में सेवा कार्यों पर आधारित एक फिल्म का प्रदर्शन भी किया गया, जिसने उपस्थित युवाओं को प्रेरित किया। जितेन्द्र राठौर ने कार्यक्रम की संकल्पना प्रस्तुत की और संचालन अभिताभ श्रीवास्तव ने किया।
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