Saturday, May 4, 2024
spot_img
Homeश्रद्धांजलिकैसे बने रामचंद्र द्विवेदी कवि प्रदीप?

कैसे बने रामचंद्र द्विवेदी कवि प्रदीप?

संयोगवश रामचंद्र द्विवेदी (कवि प्रदीप) को एक कवि सम्मेलन में जाने का अवसर मिला जिसके लिए उन्हें बंबई आना पड़ा। वहाँ पर उनका परिचय बांबे टॉकीज़ में नौकरी करने वाले एक व्यक्ति से हुआ। वह रामचंद्र द्विवेदी के कविता पाठ से प्रभावित हुआ तो उसने इस बारे में हिमांशु राय को बताया। उसके बाद हिमांशु राय ने आपको बुलावा भेजा। वह इतने प्रभावित हुए कि उन्होंने 200 रुपये प्रतिमास की नौकरी दे दी। कवि प्रदीप ने यह बात स्वयं बीबीसी के एक साक्षात्कार में बताई थी।

हिमांशु राय का ही सुझाव था कि रामचंद्र द्विवेदी अपना नाम बदल लें। उन्होंने कहा कि यह रेलगाड़ी जैसा लंबा नाम ठीक नहीं है, तभी से रामचंद्र द्विवेदी ने अपना नाम प्रदीप रख लिया।

प्रदीप से ‘कवि प्रदीप’ बनने की कहानी

यह भी एक रोचक कहानी है। उन दिनों अभिनेता प्रदीप कुमार भी काफी प्रसिद्ध थे। अब फिल्म नगरी में दो प्रदीप हो गये थे एक कवि और दूसरा अभिनेता। दोनों का नाम प्रदीपो होने से डाकिया प्राय: डाक देने में गलती कर बैठता था। एक की डाक दूसरे को जा पहुंचती थी। बड़ी दुविधा पैदा हो गई थी। इसी दुविधा को दूर करने के लिए अब प्रदीप अपना नाम ‘कवि प्रदीप’ लिखने लगे थे। अब चिट्ठियां सही जगह पहुंचें लगी थीं।
इस बात की पुष्टि करते हुए माधुरी के पूर्व संपादक अरविंद कुमार कहते हैं, “स्टूडियो में दो प्रदीप थे – एक अभिनेता, दूसरे कवि। उन की डाक आपस में बँट जाती थी। बस, प्रदीप जी के नाम से पहले कवि लगाया जाने लगा।”
#
*लेखक इंटरनेट पर विश्व की सबसे पहली हिन्दी पत्रिका ‘भारत-दर्शन’ के संपादक हैं।

image_print

एक निवेदन

ये साईट भारतीय जीवन मूल्यों और संस्कृति को समर्पित है। हिंदी के विद्वान लेखक अपने शोधपूर्ण लेखों से इसे समृध्द करते हैं। जिन विषयों पर देश का मैन लाईन मीडिया मौन रहता है, हम उन मुद्दों को देश के सामने लाते हैं। इस साईट के संचालन में हमारा कोई आर्थिक व कारोबारी आधार नहीं है। ये साईट भारतीयता की सोच रखने वाले स्नेही जनों के सहयोग से चल रही है। यदि आप अपनी ओर से कोई सहयोग देना चाहें तो आपका स्वागत है। आपका छोटा सा सहयोग भी हमें इस साईट को और समृध्द करने और भारतीय जीवन मूल्यों को प्रचारित-प्रसारित करने के लिए प्रेरित करेगा।

RELATED ARTICLES
- Advertisment -spot_img

लोकप्रिय

उपभोक्ता मंच

- Advertisment -spot_img

वार त्यौहार