अनिल गलगली को पुरस्कार में रु 11,000 दिए गए जो उन्होंने ताबडतोब किसानों के लिए काम करनेवाले नाना पाटेकर और मकरंद अनासपुरे की ‘नाम’ संस्था को देने की घोषणा की। अनिल गलगली की इस घोषणा का दर्शकों ने तालियां बजाकर स्वागत किया।
सजग नागरिक मंच, पुणे द्वारा सजग नागरिक सूचना अधिकार पुरस्कार प्रदान समारोह कार्यक्रम का आयोजन बीएमसीसी रोड स्थित आयएमडीआर में किया गया था। वर्ष 2015 का सजग नागरिक सूचना अधिकार पुरस्कार वरिष्ठ पत्रकार एवं आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली को प्रदान किया गया।
देश में सबसे बड़ी ताकत के तौर पर आरटीआई (सूचना का अधिकार) कार्यकर्ता सामने आ रहे हैं। आरटीआई कार्यकर्ताओं का समूह देश की ताकत हैं। इस ताकत को पूरे देश में फ़ैलाने का कार्य होना चाहिए। ऐसा विचार वरिष्ठ आरटीआई कार्यकर्ता निखिल डे ने रविवार को पुणे में आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली के सम्मान कार्यक्रम में व्यक्त किया।
निखिल डे ने कहा कि आरटीआई को लेकर अधिक से अधिक जागरुकता निर्माण करने की आवश्यकता हैं। आरटीआई में ऐसी एक ताकत हैं जिससे सरकारी काम में पारदर्शता आने में मदद हो सकती हैं। आरटीआई में वर्तमान में ब्लॅकमेलिंग बढ़ गई हैं जिसे कही पर रोका जाना चाहिए। हमे आरटीआई के अनिल गलगली जैसे प्रामाणिक कार्यकर्ता चाहिए।
पुरस्कार पानेवाले अनिल गलगली ने कहा कि देश में देशभक्ती जोर में शुरु हैं। वैसी देशभक्ती हम नही करते हैं। वर्तमान में देशभक्ती की व्याख्या बदल गई हैं। जिसे कहीं तो रोका जाना चाहिए। सूचना अधिकार अभियान का कार्य करने के दौरान कही तरह की परेशानी को सहना पड़ता है लेकिन हमने हमारा कार्य रोका नही हैं। सतत समाज के कार्य कर हम हमारी आम्ही देशभक्ती अभिव्यक्त करते हैं।
इस मौके पर मंच पर वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता जुगल राठी और सजग नागरिक मंच के अध्यक्ष विवेक वेलणकर उपस्थित थे। कार्यक्रम के दौरान आरटीआई में अपना योगदान देनेवाले लोगों का सन्मान किया गया।
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अनिल गलगली
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