अमिताभ ने अपने ब्लॉग में लिखा, ‘‘जब बोफोर्स घोटाले में मेरे परिवार और मुझ पर आरोप लगे तो उन्होंने हमारे अस्तित्व को अभी तक के सबसे बुरे रंगों में पेश किया..25 वर्ष बाद मामले के अभियोजक ने सत्य को सार्वजनिक किया…बच्चन परिवार को फंसाया गया था..25 साल बाद।’’ पीकू फिल्म में काम कर चुके 73 वर्षीय अभिनेता ने कहा कि प्रौद्योगिकी के इस दौर में आरोप लगाने आसान है तथा लोग तथ्य पता करने की जहमत नहीं उठाते।
उन्होंने कहा कि ऐसे विवाद बेहद तेजी से फैलते हैं। इनमें तमाम अनर्गल आरोप लगाये जाते हैं तथा ऐसा बंवडर उठता है कि न केवल आंखों से दिखना बंद हो जाता है बल्कि शिष्टाचार की आधारशिला नष्ट कर दी जाती है। स्वीडन के भंडाफोड़ करने वाले प्राधिकार ने बच्चन को 2012 में क्लीन चिट दे दी थी किन्तु अभिनेता ने कहा कि उन्हें लम्बे समय तक झूठ एवं धोखे के बोझ तले रहना पडा। बच्चन ने कहा, ‘‘जब इसका खुलासा हुआ तो उन्होंने मेरी प्रतिक्रिया मांगी। मैं भला क्या प्रतिक्रिया देता…कोई भला क्या कहता….कोई भला इस पर क्या कहता…क्या वे 25 वर्ष की पीडा को मिटा सकते हैं….क्या वे बदनामी के बदनुमा रंगों को मिटा सकते हैं।’’