हिंदी विभाग, एस आर एम विश्वविद्यालय, कट्टनकुलाथुर और सृजनलोक प्रकाशन, आरा( बिहार) के सयुक्त तत्वावधान में 2-3 अप्रैल 2016 को दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी सह सृजनलोक सम्मान समारोह का आयोजन टी. पी. गणेशन सभागार, एस आर एम विशवविद्यालय, कट्टनकुलाथुर में संपन्न हुआ। उदघाटन मारीशस से आये वरिष्ठ साहित्यकार राज धनपाल हीरामन और प्रख्यात कवि अग्निशेखर के साथ दक्षिण भारत हिंदी प्रचार सभा की कुलसचिव डॉ. निर्मला मौर्य, तथा पोंडीचेरी केन्द्रीय विश्वविद्यालय के डीन डॉ. एन. के. झा के हाथों संपन्न हुआ। इस अवसर पर सृजनलोक प्रकाशन द्वारा प्रकाशित दो पुस्तकों शांतिचित्रा के अंग्रेजी उपन्यास ‘ द फ्रैक्टलस’ और संतोष श्रेयांस की कविता संग्रह ‘शुक्रगुजार हूँ दिल्ली’ का लोकार्पण भी किया गया। पुस्तकों का लोकार्पण प्रख्यात तमिल फिल्म निर्देशक राधामोहन और नल्लन कुमारस्वामी के साथ मुख्य अतिथि राज हीरामन, अग्निशेखर, आत्मारंजन, एन.के. झा, सुधा त्रिवेदी सहित सभी प्रमुख अथितियों ने किया। उद्घाटन सत्र का संचालन हिंदी विभागाध्यक्षा डॉ. प्रीती ने किया।
तत्पश्चात सृजनलोक सम्मान समारोह 2016 का आयोजन किया गया। इस अवसर पर साहित्य की विभिन्न विधाओं में रचनाकारों को सृजनलोक सम्मान 2016 प्रदान किया गया।
सम्मान की सूची : सृजनलोक जीवनोपलब्धि सम्मान राज हीरामन, मारीशस, सृजनलोक युवा कवि सम्मान आत्मारंजन, शिमला, सृजनलोक हिंदी सेवी सम्मान मुकेश कुमार मिश्र, उत्तर प्रदेश और रमाजय शर्मा (जापान)को सृजनलोक ‘साहित्य श्री’ सम्मान उषा तिवारी एवं जमुना उपाध्याय, नेपाल के साथ सभी अतिथियों का भी सम्मान किया गया किया गया। सम्मान सत्र का संचालन डॉ. रज़िया ने किया। तत्पश्चात प्रपत्र वाचन किया गया। इस सत्र का सञ्चालन डॉ. इस्लाम ने किया।
इस संगोष्ठी के द्वितीय सत्र में अंतर्राष्ट्रीय कवि संगम आयोजित की गयी। कवि संगम में वरिष्ठ कवि अग्निशेखर, राज हीरामन, आत्मरंजन, सुधा त्रिवेदी, रीता दास राम, विष्णु तिवारी’उषा’, जमुना उपाध्याय सतीश श्रीवास्तव, सरहदे इंतजार वेद, राजीव थेपड़ा, प्रह्लाद श्रीमाली, महेंद्र, इश्वर करुण, संजय रामन, मोहसिन खान एवं संतोष श्रेयांस इत्यादि उपस्थित थे। सत्र का संचालन संतोष श्रेयांस ने किया।
दूसरे दिन का पहला सत्र प्रपत्र वाचन का रहा। जिसमे बड़ी संख्या में शिक्षकों एवं शोधार्थियों ने अपने आलेख का पाठ किया।
द्वितीय सत्र में अग्निशेखर की कविताओं का तमिल अनुवाद ( रमेश कुमार) और पवना कुमारी की पुस्तक सूर्यबाला की कहानियों में व्यंग्य का लोकार्पण हुआ।
कार्यक्रम के अंत में अंधेर नगरी नाटक एस आर एम यूनिवर्सिटी के एम. ए. डी. क्लब के बच्चों ने प्रस्तुत की। अपने दमदार अभिनय से बच्चों ने दर्शकों की काफी तारीफ बटोरी। धन्यवाद ज्ञापन डॉ. पुस्तक लोकार्पण एवं लेखक- पाठक संवाद
सृजनलोक प्रकाशन, आरा (बिहार) तथा एस आर एम विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी सह सृजनलोक सम्मान समारोह का आयोजन टी. पी. गणेशन सभागार, एस आर एम विशवविद्यालय, कट्टनकुलाथुर में संपन्न हुआ।
इस अवसर पर सृजनलोक प्रकाशन द्वारा प्रकाशित कवि एवं संपादक संतोष श्रेयांस की पुस्तक “शुक्रगुजार हूँ दिल्ली” एवं अंग्रेजी विभाग की विभागाध्यक्ष शांतिचित्रा के अंग्रेजी उपन्यास ” द फ्रैक्टलस” का लोकार्पण प्रख्यात तमिल फिल्म निर्देशक राधामोहन और नल्लन कुमारस्वामी के साथ मुख्य अतिथि राज हीरामन, अग्निशेखर, आत्मारंजन, एन.के. झा, सुधा त्रिवेदी सहित सभी प्रमुख अथितियों ने किया। संचालन डॉ. रजिया ने किया।
इस अवसर पर शाम में एस आर एम होटल में लेखकों से बातचीत का एक कार्यक्रम रखा गया। जिसमे सर्वप्रथम शांतिचित्रा ने अपने उपन्यास रचना के पृष्ठभूमि पर अपनी बात रखी तथा इस उपन्यास के कुछ अंश का पाठ भी किया। जिसपर प्रबुद्ध श्रोताओं द्वारा अपने जिज्ञासाओं और प्रश्नों के माध्यम से रोचक बातचीत हुई। इसके बाद संतोष श्रेयांस ने भी अपने कविता संग्रह से शीर्षक कविता शुक्रगुज़ार हूँ दिल्ली का पाठ किया तथा उससे सम्बंधित सवालों के जवाब भी दिए। इसतरह दोनों पुस्तकों पर बहुत गंभीर और सार्थक लेखक – पाठक संवाद संपन्न हुआ। इस लेखक-पाठक संवाद पर बोलते हुए चर्चित कवि इश्वर करुण ने कहा यह इस शहर में अपने तरह का पहला प्रयास है और इस तरह के प्रयास जरुर होने चाहिए । कार्यक्रम में चर्चित कवि अग्निशेखर, मारीशस से आये राज हीरामन, चर्चित युवा कवि आत्मारंजन, प्रह्लाद श्रीमाली, राजीव थेपड़ा, रीता दास राम, नित्यानंद इत्यादि उपस्थित थे।