योग गुरु स्वामी रामदेव ने कहा कि भारत की छवि बिगाड़ने के लिए तथाकथित धर्मनिरपेक्ष और वामपंथी ताकतों ने असहिष्णुता शब्द को गढ़ा है। यह साजिश भारत के गौरव सम्मान और चरित्र को नष्ट करने के लिए राष्ट्र विरोधी ताकतों ने रची है। भारत की छवि को धूमिल करने के लिए धर्मनिरपेक्षता, सर्वधर्म सम्भाव जैसे शब्द गढ़े गए हैं।
स्वामी रामदेव दिव्य प्रेम सेवा मिशन के बैनर तले आयोजित अर्द्धकुंभ मंथन के तहत आयोजित सेमीनार में बतौर मुख्यवक्ता बोल रहे थे। सेमीनार का विषय था-असहिष्णुता एक मिथक। स्वामी रामदेव ने कहा कि यदि आज भगवान राम और कृष्ण होते तो उन्हें भी यह ताकतें असहिष्णु और हत्यारा बता देतीं। और यह ताकतें भगवान राम पर रावण हत्या और भगवान श्रीकृष्ण पर शिशुपाल और कंस की हत्या का आरोप लगा देतीं। उन्होंने कहा कि हमारे चारों वेदों, उपनिषदों, रामायण-महाभारत, पुराणों और गीता में कहीं भी असहिष्णु शब्द का उल्लेख नहीं मिलता है। यदि वामपंथियों का बस चले तो वे गीता को भी आतंकवादियों का ग्रंथ घोषित कर देंगे। उन्होंने कहा कि आज देश की संप्रभुता सबसे बड़ा मुद्दा है