रेल सफर में यात्री अब गंदगी, पानी की किल्लत, खाद्य पदार्थ की गुणवत्ता, भ्रष्टाचार और छेड़छाड़ आदि की शिकायत सीधे रेलमंत्री से कर सकेंगे। शिकायत दर्ज कराने के लिए रेलमंत्री का पता पूछने की भी जरूरत नहीं पड़ेगी। यात्रियों की मदद के लिए रेलवे बोर्ड ने आरक्षित टिकटों के पीछे रेल मंत्री का ट्विटर एकाउंट दर्ज करने का फैसला लिया है।
रेलवे बोर्ड ने सभी मंडलों के वरिष्ठ मंडलीय वाणिज्य प्रबंधकों (सीनियर डीसीएम) को रिजर्वेशन और बुकिंग सिस्टम में बदलाव करने के निर्देश जारी किए हैं। नए निर्देशों के मुताबिक टिकट के पीछे रेल मंत्री के ट्विटर एकाउंट एट द रेट सुरेश प्रभु और एट द रेट रेल मिनिस्ट्री के साथ ही हेल्पलाइन नंबर 182 भी छापा जाएगा। फिलहाल आरक्षित टिकट प्रणाली में ही यह सुविधा दी जा रही है। बदलाव सफल रहने पर रेलवे बोर्ड जोनल और डीआरएम के ट्विटर एकाउंट छापने के साथ ही अनारक्षित टिकट प्रणाली में भी इस व्यवस्था को लागू कराने की योजना बना रहा है।
यात्रियों की मुश्किलें समझने और उनसे सीधे संवाद के लिए रेलमंत्री सुरेश प्रभु ने छह महीने पहले ट्विटर एकाउंट शुरू कराया था। संवाद कायम करने के लिए शुरू की गई यह व्यवस्था शिकायत दर्ज कराने का सबसे सक्रिय प्लेटफार्म बनने लगी तो रेलवे बोर्ड ने इसे आम जन तक पहुंचाने का फैसला किया। पिछले छह महीने में रेल मंत्री के ट्विटर एकाउंट पर न सिर्फ 4.12 लाख से ज्यादा शिकायतें दर्ज हुईं, बल्कि इनका तत्काल समाधान भी हुआ।