दीपावली के दिन आतिशबाजी (आकाशदीप, कंडील आदि) जलाने की प्रथा के पीछे संभवतः यह धारणा है कि दीपावली-अमावस्या से पितरों की रात आरंभ होती है। कहीं वे मार्ग से भटक न जाएँ, इसलिए उनके लिए प्रकाश की व्यवस्था इस रूप में की जाती है। इस प्रथा का बंगाल में विशेष प्रचलन है।
दीपक जलाने व आतिशबाजी का कारण
एक निवेदन
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