प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बीए की डिग्री सार्वजनिक करनेवाली दिल्ली विश्वविद्यालय ने सितंबर 2015 में मुंबई के आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली को जबाब दिया था कि 4 दशक का रेकॉर्ड उनके पास नहीं हैं और वर्ष 1978 में उत्तीर्ण छात्रों और छात्राओं की जानकारी संबंधित महाविद्यालय से संपर्क करे। अनिल गलगली ने अब इसके खिलाफ दिल्ली विश्वविद्यालय में अपील दायर की है।
आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने दिल्ली विश्वविद्यालय से 11 सितंबर 2015 को वर्ष 1978 में उत्तीर्ण छात्र और छात्राओं की जानकारी मांगते हुए उनकी लिस्ट देने का अनुरोध किया था। दिल्ली विश्वविद्यालय की केंद्रीय जन सूचना अधिकारी जय चंद्रा ने अनिल गलगली को सूचित किया था कि सहायक परीक्षा नियंत्रक(परिणाम) तथा सांख्यिकीय अधिकारी(योजना इकाई) ने मांगी गई जानकारी 4 दशक पुरानी होने से सूचना उनके विभाग में उपलब्ध नही हैं। सहायक परीक्षा नियंत्रक(परिणाम) के अनुसार परीक्षा परिणामों की प्रतियां परीक्षा विभाग द्वारा संबंधित महाविद्यालयों को भेज दी जाती हैं। अत: जानकारी के लिए प्रार्थी संबंधित महाविद्यालयों से संपर्क स्थापित कर सकते हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की डिग्री स्वयं दिल्ली विश्वविद्यालय द्वारा सार्वजनिक करते ही दिल्ली विश्वविद्यालय द्वारा उन्हें दिग्भ्रमित करने की बात कहते हुए अनिल गलगली ने दिल्ली विश्वविद्यालय में प्रथम अपील दायर करते हुए उन्हें मोदी की तर्ज पर वर्ष 1978 में बीए में उत्तीर्ण सभी छात्र और छात्राओं की लिस्ट देने की मांग की हैं। अनिल गलगली ने दिल्ली विश्वविद्यालय वाईस चांसलर योगेश त्यागी और रजिस्टार तरुण राज को चिठ्ठी लिखकर इसतरह दोहरे मापदंड पर आश्चर्य व्यक्त करते हुए उन अधिकारियों पर कारवाई कर उन्हें वर्ष 1978 में उत्तीर्ण सभी छात्र और छात्राओं की लिस्ट जारी करने की मांग की हैं।
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अनिल गलगली
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