सरकारी काम के लिए सरकारी अधिकारी निजी ई-मेल का इस्तेमाल नहीं कर सकते। पिछले हफ्ते जारी अधिसूचना में, 'यूजर्स को सरकारी नेटवर्क से निजी ई-मेल सर्वर्स का इस्तेमाल करने से बचने को कहा गया है। आधिकारिक बातचीत के लिए केवल आई (एनआईसी पॉलिसी के तहत इंप्लिमेंटिंग एजेंसी) की तरफ से बनाए गए ई-मेल सर्विस का ही इस्तेमाल करना होगा।'
नई नीति में अब अधिकारियों को गैर सकारी ई-मेल सर्विसेज को मेल फॉरवर्ड का भी ऑप्शन नहीं मिलेगा। अधिसूचना में कहा गया है, 'अन्य सर्विस प्रोवाइडर्स की तरफ से मुहैया कराए जाने वाले ई-मेल सर्विसेज का इस्तेमाल आधिकारिक तौर पर होने वाली बातचीत में नहीं किया जाएगा।' नई पॉलिसी केंद्र सरकार के सभी कर्मचारियों के अलावा केंद्र सरकार की तरफ से मुहैया कराए गए ई-मेल सर्विसेज का इस्तेमाल करने वाले राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों के कर्मचारियों पर भी लागू होगी। एडवर्ड स्नोडेन के डेटा लीक किए जाने के बाद डिपार्टमेंट ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स ऐंड आईटी ने नई पॉलिसी का सुझाव सामने रखा था। नई पॉलिसी के तहत अधिकारियों को दो मेल आईडी मिलेंगे, जिसमें एक उनके पोस्ट और दूसरा उनके नाम से जुड़ा होगा।