नई दिल्ली। लंबे अर्से बाद किसी सरकारी कार्यक्रम में बुधवार को रेल भवन पहुंचे भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व उपप्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी भावुक हो गए। उन्होंने पूर्व की अटल बिहारी वाजपेयी सरकार के वक़्त को याद करते हुए कहा कि एक समय था, जब गुजरात के किसी भी कार्यक्रम में मुझे जरूर बुलाया जाता था और सबसे पहले पूछा जाता था कि आप कार्यक्रम में आने के लिए फ्री हैं या नहीं।
इसी कड़ी को लबे समय बाद रेलमंत्री सुरेश प्रभु ने दुहराया। प्रभु ने परम्पराओं से अलग जाकर मुझे रेल भवन बुलाया, जो मेरे लिए ख़ुशी की बात है। आडवाणी ने कहा कि प्रभु की बदौलत मैंने आज रेल भवन के दर्शन भी कर लिए, क्योंकि इससे पहले कभी रेल भवन आने का मौका मुझे नहीं मिला।
बुधवार को रेल भवन में रिमोट के जरिए गुजरात के अहमदाबाद से मेहसाना के बीच रेल लाइन का विद्युतीकरण और दोहरीकरण का काम शुरु किया गया। इसी की शुरुआत करने आडवाणी क्षेत्रीय सांसद होने के नाते रेल भवन पहुंचे थे। आडवाणी की भावुकता वर्तमान में उनकी भाजपा और केंद्र सरकार में स्थिति को दर्शाने के लिए काफी थी।
भारतीय रेल और देश की अर्थव्यवस्था में गुजरात का बड़ा योगदान है। बंदरगाह से रेलमार्ग के जरिए ही माल ढुलाई होती है। यहां 20 नए प्रोजेक्ट प्रस्तावित हैं। इसमें 2880 किलोमीटर रेल लाइन भी शामिल है।