जब पूरी दुनिया भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान पर शुरू हुए अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के दौरान योग के विभिन्न आसनों से रूबरू हो रही थी तब एक भारतीय योग और आध्यात्मिक गुरु जग्गी वासुदेव ने यह कहकर हर किसी को हैरत में डाल दिया कि योग न भारतीय है और न ही यह भारत का है।
खास बात ये है कि जग्गी वासुदेव ने यह बयान संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में दूसरे अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर उस कार्यक्रम में दिया जिसमें उन्हें योग दिवस के प्रतिनिधि के तौर पर बुलाया गया था।
टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार जग्गी वासुदेव दूसरे अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर यूएन में आयोजित एक सत्र को संबोधित कर रहे थे। इसी दौरान उन्होंने कहा योग भारतीय नहीं है न ही यह भारत का है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि योग एक पूर्ण विज्ञान और तकनीक है अच्छा जीवन जीने के लिए। आगे कहा- “विज्ञान अपनी सार्वभौमिकता और मुक्ति की वजह से भारतीय नहीं हो सकता”
यूएन में ‘कनर्वेसेशन विद मास्टर्सः योगा फॉर द अचिवमेंट ऑफ सब्स्टेनेबिल डेवलपमेंट गोल्स’ विषय पर आयोजित सत्र के दौरान दुनियाभर के नेताओं और अधिकारियों की भीड़ को संबोधित करते हुए आध्यात्मिक गुरु ने कहा कि एक भारतीय होने के नाते हम इस पर गर्व कर सकते हैं, लेकिन यह भारत से संबंध नहीं रखता। यह सही तथ्य है कि यूएन ने भारत की अपील पर अंतरराष्ट्रीय योग दिवस घोषित करके हमे एक उपहार दिया है लेकिन अन्य के मुकाबले यह भारत से ज्यादा संबंध नहीं रखता है। सत्र के दौरान जग्गी वासुदेव का सारा जोर योग के वैज्ञानिक पक्ष और उसके महत्व को सामने लाने पर ही रहा।