मुंबई मनपा ने सडक काम में हुए भ्रष्टाचार और धांदली के चलते जांच कर 6 ठेकेदारों पर एफआईआर दर्ज की। इस सच्चाई को नकारते हुए जिन ठेकेदारों के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई हैं उनमें से ही आरपीएस इन्फ्रा प्रोजेक्ट और जे कुमार को हँकॉक के अलावा यारी रोड, मिठी नदी और विक्रोली उड्डाणपूल का नया ठेका बहाल करना और गोरेगाव-मुलुंड लिंक रोड इस1300 करोड़ के काम में दोबारा एफआईआर दर्ज ठेकेदारों में से ही ठेकेदारों पर दिखाई गई मेहरबानी की जांच करने की मांग की गई थी। इस शिकायत पर सुनवाई करते हुए राज्य के लोकायुक्त एम एल तहलियानी के ने जिम्मेदार मनपा अधिकारियों पर भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत कारवाई करने का आदेश दिया हैं।
आरटीआई कार्यकर्ते अनिल गलगली ने राज्य के लोकायुक्त एम एल तहलियानी के पास शिकायत में आश्चर्य व्यक्त किया हैं कि एकओर ठेकेदार पर मनपा एफआईआर दर्ज करती हैं दूसरीओर उसी ठेकेदारों को नया ठेका देती हैं। यह विचित्र मामला हैं। इसके अलावा गोरेगाव-मुलुंड लिंक रोड इस 1300 करोड़ो के काम में भी ठेकेदारों पर मनपा मेहरबान हैं और हाल ही में शार्ट लिस्टिंग में उनमें से ही 2 ठेकेदार वैध साबित हुए हैं। एक बार मनपा फंस गई है जिससे बदनामी होते हुए उसी ठेकेदारों को नया नया काम देने से मनपा की भूमिका पर संदेह निर्माण हो रहा हैं। मुंबई मनपा के विरोधी पक्ष नेता प्रवीण छेडा और अनिल गलगली ने की हुई अलग अलग शिकायतों की सुनवाई एक साथ ली गई। इस सुनवाई में पुलिस उपायुक्त डॉ मनोज शर्मा, मनपा अधिकारी लक्ष्मण वटकर, एस ओ कोरी आदि उपस्थित थे। लोकायुक्त एम एल तहलियानी ने साफ़ किया हैं कि जबतक सरकारी अधिकारी की मिलीभगत नहीं होती हैं तब तक ऐसा भ्रष्टाचार होना संभव नहीं हैं।