नई दिल्ली। वाणिज्य व उद्योग मंत्री सुरेश प्रभु ने सोमवार को कहा कि अगर भारत अपनी बाजी ठीक से खेले, तो वह मौजूदा वैश्विक कारोबारी चुनौतियों से बड़ा फायदा उठा सकता है। भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआइआइ) की सालाना आमसभा में उन्होंने कहा कि देश कठिन दौर से गुजर रहा है। प्रभु का कहना था कि कुछ देशों के उठाए कदम समूचे वैश्विक कारोबारी तंत्र की परीक्षा ले रहे हैं। लेकिन अगर देश समझदारी भरे कदम उठाए, तो मौजूदा वैश्विक कारोबारी चुनौतियों के इर्द-गिर्द बड़े अवसर बुने जा सकते हैं।
श्री प्रभु ने कहा कि देश के पास इन घटनाओं पर सकारात्मक तरीके से प्रतिक्रिया देने के अलावा और कोई चारा नहीं है। और सरकार बिलकुल यही कर रही है।
गौरतलब है कि संयुक्त राज्य अमेरिका (यूएसए) ने पिछले दिनों स्टील व एल्युमीनियम पर आयात शुल्क लगा दिया था, जिसका दुनियाभर में विरोध हुआ। इसके अलावा अमेरिका ने चीन के सैकड़ों उत्पादों पर आयात शुल्क लगा या बढ़ाकर ट्रेड वार को हवा दी है।
श्री प्रभु ने कहा, ‘हमें न केवल इन चुनौतियों का सामना करने के लिए, बल्कि इसे अवसर में बदलने के लिए भी तैयार रहना पड़ेगा। सरकार निर्यात, औद्योगिक विकास और उत्पादन गतिविधियों को बढ़ावा देने के उपाय कर रही है।’
वाणिज्य मंत्री का यह भी कहना था कि सरकार निर्यात को बढ़ावा देने और घरेलू उत्पादों को बड़ा वैश्विक बाजार मुहैया कराने की दिशा में भी प्रयासरत है। इसके लिए सरकार की ओर से बहुपक्षीय और द्विपक्षीय मसलों पर काम करने की रणनीति बनाई जा रही है। प्रभु के मुताबिक अमेरिकी सहायक कारोबार प्रतिनिधि की भारत यात्रा के दौरान उनसे द्विपक्षीय कारोबारी मसलों पर विस्तार से चर्चा होगी।
श्री सुरेश प्रभु ने निर्यात को सुगम बनाने के लिये नयी दिल्ली में डिजिटल पहल के तहत तीन एकीकृत डिजिटल पोर्टल शुरू किये। इस अवसर पर सुरेश प्रभु ने कहा कि डिजिटल इंडिया की दिशा में यह एक बड़ा कदम है। उन्होंने कहा कि इससे निर्यात कारोबार को बढावा मिलेगा। सुरेश प्रभु ने कहा कि निर्यात किये जाने वाले सामान की गुणवत्ता और आवाजाही की सुचारू रूप से निगरानी की जा सकेगी।
पिछले दिनों केन्द्रीय वाणिज्य एवं उद्योग और नागरिक उड्डयन मंत्री श्री सुरेश प्रभु ने निर्यात में सुगमता के लिए निर्यात निरीक्षण परिषद (ईआईसी) की डिजिटल पहलों का शुभारंभ किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि इन डिजिटल पहलों की बदौलत कृषि एवं खाद्य पदार्थों के निर्यात क्षेत्र में भारत की क्षमता काफी बढ़ जाएगी। ईआईसी भारत सरकार का आधिकारिक निर्यात प्रमाणन निकाय है और इसने विश्व के बदलते आयामों के अनुरूप डिजिटल इंडिया पहल की इस प्रमुख परियोजना को लांच किया है।
विश्वसनीय निरीक्षण एवं प्रमाणन के विजन को जारी रखने के साथ-साथ भारतीय उपज के प्रति विश्वास को और ज्यादा मजबूत करने के उद्देश्य से तीन पोर्टल विकसित किए गए हैं, ताकि पारदर्शी ढंग से लेन-देन में लगने वाला समय और लागत कम हो सके। ये पोर्टल न केवल निर्यात में सुगमता का अवसर मुहैया कराते हैं, बल्कि कागज के उपयोग में कमी के साथ-साथ करोड़ों वृक्षों को कटने से बचाते हुए ‘हरियाली को अपनाओ’ पहल में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। सभी क्षेत्रों (सेक्टर) में होने वाले कारोबार में सुगमता के लिए त्वरित, दक्ष एवं पारदर्शी सेवाएं मुहैया कराने के उद्देश्य से संपूर्ण निर्यात खाद्य पदार्थ श्रृंखला को इस डिजिटल प्लेटफॉर्म में एकीकृत किया गया है। प्राथमिक उत्पादन, चेन कैच, एक्वाकल्चर पौंड, डेयरी फॉर्म और मधुमक्खी पालन गृह आपस में जुड़े हुए हैं।
निर्यात अलर्ट निगरानी पोर्टल उन गैर-अनुपालन पर करीबी नजर रखता है, जिसके बारे में आयातक देशों द्वारा सूचित किया जाता है। इस पोर्टल के जरिए अलर्ट के साथ-साथ खाद्य सुरक्षा एवं जैव सुरक्षा में आरंभिक प्रमाणन से जुड़े एकाधिक संगठनों द्वारा उठाए जाने वाले कदमों की निगरानी भी की जा सकती है। ईआईसी ने विदेशी प्रवीणता परीक्षण प्रदाताओं पर निर्भरता कम करके और पहुंच में सुगमता सुनिश्चित करके मुंबई, कोलकाता और चेन्नई में मान्यता प्राप्त प्रवीणता परीक्षण (पीटी) प्रदाताओं को उपलब्ध कराकर देश के लिए विश्लेषणात्मक क्षमता बढ़ाने की दिशा में उल्लेखनीय कार्य किया है।