आईपीएस और आईएस अधिकारी अब यूनियनबाजी पर उतर आते हैं, अपने कर्मचारियो और अधिकारियों की गुंडई, भ्रष्टचार को संरक्षण देने के लिए सरेआम न्याय की हत्या करते हैं और पीडि़त पक्ष को डराते-धमकाते हैं, उल्टे जेल में डालने और कंगाल बनाने की धमकी भी पिलाते हैं।
मनीष गुप्ता की हत्या के बाद जिस तरह से गोरखपुर के एसपी और डीएम ने मानवता को शर्मसार किया है और मनीष गुप्ता की पत्नी मीनाक्षी गुप्ता पर न केवल दबाव बनाया, बल्कि धमकियां भी दी और कहा कि कोर्ट का चक्कर लगाते-लगाते जिंदगी चली जायेगी, पति की हत्या तुम्हें भूल जानी चाहिए। न्याय की जगह धमकियां देना अक्षम्य अपराध है। इसके लिए गोरखपुर के एसपी और डीएम की भी गिरफ्तारी होनी चाहिए।
वहशी पुलिसकर्मियों ने किस तरह मनीष गुप्ता की बेरहमी से मारा है उसका सबूत तो उसकी मृत शरीर है। मनीष गुप्ता ने सिर्फ इतना ही कहा था कि इतनी रात परेशान करने की क्या जरूरत थी। इतना कहना था कि एक व्यक्ति पर छह-छह पुलिस वाले टूट पड़े। ये तबतक पिटाई करते रहे जब तक मनीष गुप्ता की जान नहीं चली गयी।
आपलोग शायद पुलिस की गुंडई नहीं देखी होगी, आईपीएस और आईएस की आपराधिक रौद्र रूप नहीं देखा होगा पर मैंने यह देखा है। अगर आप इन्हें कानून बतलाने की कोशिश करेंगे तो फिर आपको ये सरकारी काम में बाधा डालने के आरोप लगा कर जेल भेज देंगे, थाने में कुटाई अलग से होगी। कोर्ट भी सरकारी पक्ष का साथ देती है। जमानत महीनों के बाद मिलती है। सत्ता में बैठे राजनीतिज्ञ इनके संरक्षक बन जाते हैं।
मनीष गुप्ता की हत्या योगी आदित्यनाथ की सरकार पर कंलक है। अगर हत्यारे पुलिसकर्मियों सहित एसपी-डीएम को गिरफ्तार करा कर जेलों में नहीं डाला तो फिर योगी आदित्यनाथ की गिनती भी मायावती और अखिलेश यादव की श्रेणी में होगी। योगी आदित्यनाथ जी, वीरता दिखाओ और जनता का विश्वास जीतो। अन्यथा मायावती और अखिलेश की तरह तुम्हें भी जनता लात मार कर सत्ता से बाहर कर देगी। अधिकारियों का गुलाम मत बनो।
संपर्क
आचार्य श्री विष्णुगुप्त
Mobile..9315206123
01/10/ 2021