Sunday, December 29, 2024
spot_img
Homeवार त्यौहारश्रीजगन्नाथपुरी में फलदायी अक्षय तृतीया का भव्य आयोजन 3 मई को

श्रीजगन्नाथपुरी में फलदायी अक्षय तृतीया का भव्य आयोजन 3 मई को

भारत के अन्यतम धाम श्रीजगन्नाथपुरी में फलदायी अक्षयतृतीय,आगामी 3मई को है। लगभग 1000 वर्षों से पुरी धाम में अक्षय तृतीया मनाई जाती है। अक्षय तृतीया के दिन से पुरीधाम में भगवान जगन्नाथ की विश्व विख्यात रथयात्रा के नये रथों के निर्माण का कार्य आरंभ होता है।भगवान जगन्नाथ की विजय प्रतिमा मदनमोहन आदि की 21दिवसीय बाहरी चंदनयात्रा चन्दन तालाब में आरंभ होती है तथा ओडिशा के कृषक अपने-अपने खेतों में नई फसल की बोआई का आरंभ करते हैं।

2022 की वैशाख शुक्ल तृतीया आगामी 03मई को है।इस पवित्र तिथि का कभी क्षय नहीं होता है इसीलिए इसे अक्षय तृतीया कहते हैं। इसे युगादि तृतीया भी कहा जाता है। अक्षय तृतीया के दिन ही भगवान परशुराम का अवतार हुआ था। सत्युग तथा त्रैतायुग का आरंभ हुआ था। इसी दिन श्रीकृष्ण के बाल सखा सुदामा उनसे मिलने के लिए द्वारका जाते हैं और बिना कुछ उनसे मांगे द्वारका जैसा सुख प्राप्त करते हैं।उसी दिन भगवान बदरीनाथ का कपाट उनके भक्तों के दर्शन के लिए खुलता है। अक्षय तृतीया की कथा भगवान श्रीकृष्ण ने स्वयं धर्मराज युधिष्ठिर को सुनाई थी।प्राचीन काल में एक गरीब ब्राह्मण था जो धर्मपरायण था। उसने अक्षय तृतीया के दिन ही किसी ज्ञानी पण्डित से अक्षय तृतीया महात्म्य की कथा सुनी थी। वह यथाशक्ति दान दिया था जिसके बदौलत वह राजा बना तथा उसके राज्य में प्रत्येक व्यक्ति अक्षय तृतीया व्रत करने लगे।

सनातनी परम्परानुसार अक्षय तृतीया के दिन अपने स्वर्गीय आत्मीयजन की आत्मा की चिर शांति के लिए दान के रुप में अन्न,वस्त्र,फल आदि निःस्वार्थभाव जो देता है,उसका प्रत्यक्ष लाभ उसे वर्तमान समय में अवश्य मिलता है। वह धनवान बनता है। सभी तरह से सुखी हो जाता है। स्कंद पुराण के विष्णु खण्ड के वैशाख माह महात्म्य में पृष्ठ सं.384 में यह लिखा गया है कि अक्षय तृतीया के दिन सूर्योदय काल में जो व्यक्ति प्रातः पवित्र स्नान करता है। भगवान विष्णु की पूजा करता है। श्रीहरि की कथा सुनता है,वह मोक्षप्राप्त करता है।वैशाख माह के शुक्ल द्वादशी को जो अन्न का दान देता है उसके एक-एक अन्न के दाने में करोडो-करोड ब्राह्मणों के भोजन कराने का पुण्य प्राप्त होता है।शुक्लपक्ष की एकादशी को जो भक्त भगवान विष्णु को प्रसन्न करने के लिए जागरण करता है,उसे जीवनमुक्ति मिलती है। जो भक्त वैशाख की द्वादशी को तुलसी दल से भगवान विष्णु की पूजा करता है उसे अपने कुल समेत उद्धार प्राप्तकर बैकुण्ठ को प्राप्त करता है।

महाप्रभु जगन्नाथ के प्रदेश ओडिशा के घर-घर में अक्षय तृतीया व्रत तथा उसके अनुपालन की सुदीर्घ परम्परा रही है। नये सामाजिक तथा पारिवारिक रिश्तों का श्रीगणेश अक्षय तृतीया से होता है। नये शुभ कार्य,नये आवास,नये कारोबार,नई दुकानों,ब्रह्मचारियों के जनेऊ संस्कारों तथा यज्ञ आदि का शुभारंभ अक्षय तृतीया के दिन से ही आरंभ होता है। अक्षय तृतीया के दिन ओडिशा में प्रकृति-मानव संबंधों को मान्या दी जाती है। अक्षय तृतीया के दिन से ही मौसम में बदलाव का संकेत साफ नजर आने लगता है। भीषण गर्मी से राहत के रुप में रिमझिम फुहारों का मौसम आरंभ हो जाता है। कहते हैं कि भगवान जगन्नाथ जलप्रिय देव हैं जिनको जलक्रीडा बहुत पसंद है। इसीलिए अक्षय तृतीया के दिन से वे (अपनी विजय प्रतिमा मदनमोहन आदि के द्वारा) 21 दिनों तक चंदन तालाब में बाहरी चंदन करते हैं तथा उसके उपरांत 21 दिनों तक श्रीमंदिर प्रांगण में वे भीतरी चंदनयात्रा करते हैं। श्रीमंदिर में देवस्नानयात्रा भगवान जगन्नाथ के जन्मोत्सव के रुप में मनाया जाता है ।

भक्तों के भगवान जगन्नाथ अपने एक गाणपत्य भक्त की इच्छानुसार उस दिन गजानन वेश धारण करते हैं।

2022 की भगवान जगन्नाथ की विश्व विख्यात रथयात्रा आगामी पहली जुलाई को है जो विश्व शांति,मैत्री,एकता तथा बंधुत्व की यथार्थ संदेशवाहिका होगी। रथायात्रा के दिन रथारुढ भगवान जगन्नाथ के दर्शन से ही सभी अच्छे कार्यों में सफलता मिलती है तथा भक्त तन और मन से स्वस्थ हो जाता है।इस प्रकार वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण के उपरांत 2022 की अक्षय तृतीया हरप्रकार से फलदायी अक्षय तृतीया होगी।

(लेखक राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त हैं व ओड़िशा में रहते हुए हिंदी साहित्य की साधना में लगे हुए हैं)

एक निवेदन

ये साईट भारतीय जीवन मूल्यों और संस्कृति को समर्पित है। हिंदी के विद्वान लेखक अपने शोधपूर्ण लेखों से इसे समृध्द करते हैं। जिन विषयों पर देश का मैन लाईन मीडिया मौन रहता है, हम उन मुद्दों को देश के सामने लाते हैं। इस साईट के संचालन में हमारा कोई आर्थिक व कारोबारी आधार नहीं है। ये साईट भारतीयता की सोच रखने वाले स्नेही जनों के सहयोग से चल रही है। यदि आप अपनी ओर से कोई सहयोग देना चाहें तो आपका स्वागत है। आपका छोटा सा सहयोग भी हमें इस साईट को और समृध्द करने और भारतीय जीवन मूल्यों को प्रचारित-प्रसारित करने के लिए प्रेरित करेगा।

RELATED ARTICLES
- Advertisment -spot_img

लोकप्रिय

उपभोक्ता मंच

- Advertisment -

वार त्यौहार