हम किसी को खिलखिलाते हुए देखते हैं तो अक्सर कह उठते हैं क्या मोतियों जेसे दांत हैं। ऐसे ही स्वास्थ्य दांत कौन नहीं रखना चाहेगा। क्या राज है मोतियों जेसे दांतों का ? इस पर मैंने चर्चा की दंत रोग विशेषज्ञ चिकित्सक डॉ. मणि त्यागी से। उनका कहना है दांतों और मसूड़ों का स्वस्थ और सफेद चमकीले बना रहना नियमित सोने से पहले और सुबह उठा कर ब्रश करना और मुंह को स्वच्छ रखना ही एक मात्र सबसे उत्तम उपाय है।
डॉ. मणि बताती हैं इसके लिए जरूरी है सही टूथपेस्ट और सही ब्रश का चुनाव। खुरदरे और दानेदार मंजन पावडर और ऐसे पेस्ट से बचना चाहिए जो दांतों को पीला करते हैं और मसूड़ों को नुकसान पहुंचाते हैं। कुछ मंजन पावडर में तंबाकू मिला रहता है इनका उपयोग तो किसी भी सूरत में नहीं करना चाहिए। सामान्य रूप से बाजार में प्रचलित सभी टूथपेस्ट उपयुक्त है। दांतों में किसी प्रकार की समस्या हो तो डॉक्टर की सलाह ले कर टूथपेस्ट और ब्रश का इस्तेमाल करना चाहिए।
वह कहती हैं सही रूप से ब्रश नहीं करने से भी दांतों को नुकसान पहुंचता है। दांतों के बीच की गंदगी निकल नहीं पाती और दांत को नुकसान पहुंचती हैं। इसी प्रकार यह गंदगी रात भर रहने से दांत सड़ते हैं और मुंह में बदबू तथा अन्य बीमारियों का कारण बनते हैं। ब्रश से कभी भी दांतों को रगड़ना नहीं चाहिए वरन ऊपर से नीचे की और करने से दांतों के बीच की गंदगी निकल जाती है। जरूरी है की जब भी कुछ खाए खाने के बाद अच्छी तरह से मुंह में पानी भर कर कुल्ला करें और गले को भी साफ करें।
वह बताती हैं मुंह को स्वच्छ रखने से दांतों में कैविटी से बचाव होता है , दांत पीले भी नहीं होते और मुंह से बदबू भी नहीं आती है। उन्होंने बताया कि कई शोध से ज्ञात हुआ है कि मुंह से संबंधित समस्याओं के कारण कई अन्य स्वास्थ्य संबंधी गंभीर समस्याएं जैसे हृदय रोग, स्ट्रोक, किडनी रोग, शुगर और मुंह का कैंसर होने का खतरा भी रहता है। अतः दांत को स्वस्थ रखने और इनकी मजबूती के लिए सतर्कता बरतना और आवश्यक होने पर समय रहते चिकित्सक से सलाह लेना चाहिए।
उन्होंने बताया कि दांतों का संवेदनशील होना अर्थात ठंडा और गर्म लगना,दर्द होना, मसूड़ों में सूजन या खून आना, मुंह से सुबह सुबह बदबू आना, दांत हिलना जैसे प्रमुख कारण हैं जिससे पता चलता है कि दांतों की समस्या है। कुछ भी ऐसा होता है तो बिना विलंब किए परामर्श लेना चाहिए। इन स्थितियों में किया गया विलंब खरतनाक बन जाता है। जब समस्या बढ़ जाती है तो दांत बचने की स्थिति में हो तो रूट कैनाल करना अथवा दांत को निकलाने के ही विकल्प रहते है। रूट कैनाल दांत को बचाने का खर्चीला उपाय है जिसे सभी वहन नहीं कर पाते और उनका दांत निकाना पड़ता है।
दांतों को स्वस्थ और कैविटी से बचाकर रखना बहुत जरूरी है। दांत स्वस्थ रहेंगे, दांतों की कोई भी समस्या नहीं होगी और दांत में कीड़े नहीं लगेंगे तो बुजुर्ग होने पर भी आपके दांत सही-सलामत बचे रहेंगे और नकली दांत लगवाने की भी जरूरत नहीं पड़ेगी। इसके लिए यह भी जरूरी है की अपने भोजन में उन खाद्य पदार्थों का उपयोग बढ़ाए जिनमें केल्शियम और विटामिन डी की मात्रा अधिक हो। क्योंकि हमारे दांतों की संरचना में इनका प्रमुख महत्व हैं।
वह सलाह देती हैं कि डाइट में दूध, दही और पनीर का उपयोग नियमित करने से दांत मजबूत रहते हैं। दांतों को स्वस्थ रखने में खानपान का भी महत्व होता है। ओरल हाइजीन मैंटेन करने में ब्रश करना, फ्लसिंग और गरारे करना शामिल है।
मूल मंत्र यही है कि मुँह को स्वच्छ रहने से कैविटी से बचाव होता है, दांत पीले नहीं होते ए मुंह की बदबू भी नहीं आती है। मजबूत दांत से न सिर्फ आपकी हंसी सुंदर लगती है, बल्कि यह मुँह के स्वस्थ होने का भी प्रतीक है।
परिचय
कोटा में जन्मी डॉ. मणि त्यागी ने 2019 में दासवानी डेंटल कॉलेज एवं रिसर्च सेंटर – राजस्थान यूनिवर्सिटी ( हेल्थ साइंस ) से 2019 में बीडीएस की डिग्री प्राप्त की। आपने दो वर्ष तक वरिष्ठ एंडोंटिस्ट डॉ. यजुवेंद्र सिंह हाड़ा के सानिध्य में प्रेक्टिस की और वर्तमान में बारां रोड स्थित सोलंकी डेंटल क्लिनिक में स्वतंत्र रूप से सेवाएं प्रदान कर रही हैं।