रविवार 29 जनवरी 2023 की शाम चित्रनगरी संवाद मंच मुम्बई के लिए इस मायने में अद्भुत और ख़ास रही कि इस रविवार उसकी 101वीं महफ़िल सजी थी। हालांकि चित्रनगरी संवाद मंच का गठन कोरोना काल में ही हो गया था लेकिन 2021 के वैलेंटाइन डे के दिन ही बड़े पैमाने पर आयोजनों की शुरुआत हो पायी थी और उसके बाद से इस मंच की नियमित गोष्ठियां, आयोजन और अड्डेबाजियां होती रहीं। एक लंबा सफर तय करने के बाद आज यह मंच इस मुकाम पर आ पहुंचा है कि साहित्य प्रेमी और कला प्रेमी लोग अब फ़ोन, संदेश या विज्ञप्ति का इंतज़ार नहीं करते और सूचना भर मिलने पर कार्यक्रम में शामिल होने के लिए स्वयं ही चले आते हैं। यह बात का संकेत भी है कि मुम्बई में ऐसे मंच की कितनी ज़रूरत थी और इस संवाद मंच ने सभी साहित्य प्रेमियों को जोड़ने का काम किया है। अब साहित्य प्रेमी दूर-दूर से आकर इसके साप्ताहिक कार्यक्रमों में शामिल होने लगे हैं। हर बार नये श्रोता जुड़ते हैं और एक दूजे तक इसके आयोजनों के बारे में ख़बर पहुंचाते हैं।
आज के आयोजन की एक ख़ास बात यह रही कि लगभग पचहत्तर साहित्य प्रेमियों की उपस्थिति में सुप्रसिद्ध लेखक और नाटककार असग़र वजाहत ने ईरान, पाकिस्तान, अंडमान निकोबार और यूक्रेन से जुड़ी अपनी यात्राओं के रोचक संस्मरण सुनाए और श्रोताओं के सवालों के जवाब दिए। उनके बाद सूरज प्रकाश ने अपनी महत्वपूर्ण शोधपरक किताब लेखकों की दुनिया में से दुनिया भर के लेखकों के रोचक क़िस्से सुनाए। उन्होंने ज़ोर दे कर कहा कि लेखन कहीं का भी हो, कम से कम अय्याशी नहीं होता। दुनिया भर के लेखकों ने अपने अपने स्तर पर तकलीफ़ें पायीं और अपना श्रेष्ठ हमें दिया।
संवाद मंच की तीसरी कड़ी के रूप में सूरज प्रकाश की ही कहानी “दो जीवन समांतर” का आकर्षक और छू लेने वाला नाट्य मंचन पौड़ी गढ़वाल के संवाद नाट्य ग्रुप ने किया। पुरुष पात्र की भूमिका नाटक के निर्देशक अनूप गुसाईं ने निभायी और दीप्ति का पात्र जसप्रीत कौर ने निभाया। श्रोताओं ने पूरा कार्यक्रम बहुत मनोयोग से सुना।
कार्यक्रम की शुरूआत में सूरज प्रकाश ने मेहमानों का स्वागत करते हुए देवमणि पांडेय को कल मिले डॉ हरिवंशराय बच्चन साहित्यरत्न पुरस्कार के लिए बधाई दी। कार्यक्रम का समापन करते हुए देवमणि पांडेय ने फरवरी माह में होने वाले चारों कार्यक्रमों की जानकारी दी और सबसे अनुरोध किया कि वे इन सभी कार्यक्रमों में आएं और भागीदारी करें।
सुधी श्रोताओं में अभिनेता राजेंद्र गुप्ता, डॉ सत्यदेव त्रिपाठी, गंगाराम राजी, हरि मृदुल, शैलेन्द्र गौड़, प्रीति गौड़, असीमा भट्ट, मीता दास, रीता दास राम, सुभाष काबरा, प्रदीप गुप्ता, बसंत आर्य, नवीन चतुर्वेदी, हरगोविंद विश्वकर्मा, डॉ मधुबाला शुक्ला, किरण भट्ट, रौनक़ ख़ान, मधु अरोड़ा, डॉ दमयंती शर्मा, पूनम विश्वकर्मा, आभा दवे आदि का समावेश था। कार्यक्रम की व्यवस्था कवि राजेश ऋतुपर्ण ने संभाली ।
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