Thursday, November 28, 2024
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20 वर्षों बाद दिगंबर जैनाचार्य श्री 108 विद्यासागरजी महाराज का वर्षायोग इंदौर में

इंदौर। श्री 108 विद्यासागरजी महाराज का वर्षायोग इंदौर में होगा। यह जानकारी देते हुए ब्रह्मचारी सुनील भैया और मीडिया प्रभारी राहुल सेठी ने बताया की सुनील भैया और मीडिया प्रभारी राहुल सेठी ने बताया की आचार्यश्री विद्यासागरजी महामुनिराज सहित पूरे संघ का चातुर्मास साँवेर रोड स्थित तीर्थोदय धाम प्रतिभास्थली, इंदौर में होगा।

५ जुलाई २०२०, गुरु पूर्णिमा के पावन अवसर पर सभी मुनियों द्वारा चातुर्मास का संकल्प लिया जाएगा। प्रातः 7 बजे से यह क्रिया आरंभ होगी। इसके साथ ही चार्तुमास स्थापना के पहले दिन आचार्य श्री सहित सभी मुनिराजों का उपवास रहेगा। पूरे दिन चातुर्मास की विधि संपन्न होगी।

सम्भावना यह भी है कि आगामी रविवार, 12 जुलाई 2020 को चातुर्मास कलश स्थापना की क्रिया हो सकती है। इसी दिन कलश स्थापना करने का सौभाग्य प्राप्त करने वाले पात्रों का चयन भी किया जाएगा। आचार्यश्री के सान्निध्य में जो भी आयोजन होंगे, वे सभी कोरोना संबंधी सरकारी दिशा-निर्देशों के अनुसार होंगे। आचार्यश्री सहित सभी मुनिराजों का मंगल प्रवेश 5 जनवरी 2020 को इंदौर में हुआ था। अब 14 नवम्बर दीपावली तक चातुर्मास का लाभ भी श्रावक-श्राविकाओं व श्रद्धालुओं को मिलेगा। इस बार चातुर्मास का लगभग 5 महीने का होगा अर्थात् 4 जुलाई 2020 से 14 नवंबर 2020 तक।

चातुर्मास के मुख्य कार्यक्रम की पूरी जानकारी

मीडिया प्रभारी राहुल सेठी ने बताया कि इस बार चातुर्मास में अनेक पर्व मनाए तो जाएँगे, लेकिन सभी आयोजनों में कोरोना संबंधी सरकारी दिशा-निर्देशों का पालन किया जाएगा ।

चातुर्मास के प्रमुख पर्व – चातुर्मास प्रारंभ 4 जुलाई, गुरू पूर्णिमा पर्व 5 जुलाई, भगवान पार्श्वनाथजी का मोक्ष कल्याणक मोक्ष सप्तमी 26 जुलाई, सौभाग्य दशमी 29 जुलाई, रक्षाबंधन 3 अगस्त, रोट तीज 21 अगस्त, दशलक्षण महापर्व (पर्यूषण पर्व) 23 अगस्त से आरंभ, सुगंध दशमी (धूपदशमी) 28 अगस्त, दशलक्षण महापर्व का समापन 01 सितम्बर, क्षमावणी पर्व 03 अगस्त, शरद पूर्णिमा 31 अक्टूबर, भगवान महावीर स्वामी निर्वाण कल्याणक महोत्सव-दीपावली 14 नवम्बर।

आचार्यश्री के साथ ये मुनिगण कर रहे हैं वर्षायोग

इस वर्ष आचार्यश्री के संघ में 12 मुनि सम्मिलित हैं- मुनि श्री १०८ सौम्य सागर महाराज, मुनि श्री १०८ दुर्लभ सागर महाराज, मुनि श्री १०८ निर्दोष सागर महाराज, मुनि श्री १०८ निर्लोभ सागर महाराज, मुनि श्री १०८ नीरोग सागर महाराज, मुनि श्री १०८ निरामय सागर महाराज, मुनि श्री १०८ निराकुल सागर महाराज, मुनि श्री १०८ निरुपम सागर महाराज, मुनि श्री १०८ निरापद सागर महाराज, मुनि श्री १०८ शीतल सागर महाराज, मुनि श्री १०८ श्रमण सागर महाराज, मुनि श्री १०८ संधान सागर महाराज शामिल है।

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