देश के अनेक पर्यटक उत्सवों में गुजरात राज्य के अहमदाबाद में हर वर्ष मकर संक्रांति पर सप्ताह भर चलने वाला अंतर्राष्ट्रीय पतंग महोत्सव 36 वर्षों की यात्रा पूर्ण कर आज विश्व व्यापी महोत्सव बन गया है। अंतर्राष्ट्रीय पतंग महोत्सव का शुभारंभ मकर संक्रांति से सात दिन पूर्व शुरू होता है और मकर संक्रांति पर समाप्त होता है।
उत्सव की शुरुआत अंतर्राष्ट्रीय और राष्ट्रीय पतंग उड़ाने वाले पतंगबाजों की रंग बिरंगी परेड के साथ होती है। हजारों स्कूली बच्चों द्वारा सूर्यनमस्कार और 200 ऋषिकुमारों द्वारा आदित्य स्तुति का दृश्य अत्यंत मन भावन होता है। पतंगों और पारंपरिक शिल्प की प्रदर्शनी लगाई जाती है। प्रातः योग और जुम्बा व्यायाम का प्रदर्शन और सांय काल सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। गुजरात के लजीज व्यंजनों का लुत्फ भी सैलानी खूब उठाते हैं।
इतनी मस्ती के साथ सबसे बड़ा आकर्षण होता है विभिन्न आकार – प्रकार, डिजाइन, की आसमान की बुलंदियों को छूती पतंगें। पूरा आसमान लाखों रंग बिरंगी पतंगों से रंग जाता है। पतंग प्रतियोगिताओं के समय जोश और रोमांच देखते ही बनता है। क्या बूढ़े, क्या जवान और क्या बच्चें सभी पतंगों के रंग और मस्ती में रंगे नज़र आते हैं।
साल भर गुजरात के इस सुविख्यात उत्सव का पूरी दुनिया में इंतजार रहता है। भारत के विभिन्न राज्यों के साथ – साथ दुनिया के ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, फ्रांस, रूस, जर्मनी, ग्रीस, इज़राइल, मिस्र, कोलंबिया, डेनमार्क, न्यूजीलैंड, इंडोनेशिया, इटली, मैक्सिको, दक्षिण अफ्रीका, बेल्जियम, बहरीन, इराक और मलेशिया आदि करीब 68 देशों के पतंगबाज यहां अपनी पतंग कौशल का प्रदर्शन कर पतंग उड़ाने की प्रतियोगिताओं में पूरे उत्साह के साथ भाग लेते हैं। पतंगबाजों की संख्या बढ़ते – बढ़ते वर्तमान में 660 से अधिक पहुंच गई है।
मुख्य आयोजन साबरमती रिवरफ्रंट पर किया जाता है, वैसे सारे गुजरात में पतंगों की धूम रहती है। यह उत्सव 2023 में अहमदाबाद के साथ – साथ डाकोर गांधीधाम, जामनगर, राजकोट, सूरत, वडोदरा द्वारका, अमरेली, पालनपुर, पावागढ़, वलसाड और सापुतारा मैं भी पतंग उत्सव मनाया गया ।
इस उत्सव के प्रति दीवानगी का आलम है कि गुजरात में बीते दो दशकों में 8-10 करोड़ रुपये का पतंग उद्योग बढ़कर वर्तमान में 625 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है। हर साल इस उत्सव की विशेष थीम होती है। वर्ष 2023 में इसकी थीम ” एक धरती, एक परिवार, एक भविष्य ‘ पर आधारित थी। गुजरात पर्यटन निगम ने इस साल पतंग के शौकीन विभिन्न देशों के पतंग प्रेमियों की एक ही समय में पतंग उड़ाने की अधिकतम संख्या का गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया था। अंतरराष्ट्रीय पतंग महोत्सव के दौरान सभी प्रतिभागियो ने जी 20 लोगो वाली टी-शर्ट और टोपी पहनकर परेड का प्रदर्शन किया। गुजरात के आसमान को भारत के जी20 प्रेसीडेंसी लोगो के आकार में विशेष पतंगों से सजाया गया।
इस उत्सव का आरंभ वर्ष 1989 से मकर संक्रांति के अवसर पर हुआ था। कोरोना के दो साल को छोड़ कर निरंतर मनाया जा रहा है। अंतर्राष्ट्रीय पतंग उत्सव के कई नाम हैं। इसे गुजरात में उत्तरायण या मकर संक्रांति के नाम से भी जाना जाता है। अंतरराष्ट्रीय पतंग महोत्सव के आकर्षण में तरह-तरह की पतंगे होती हैं। जिन्हें देखने लोग दूर-दराज से आते हैं। लोग अपने घरों की छतों से पतंगे देखते हैं। अंतर्राष्ट्रीय पतंग महोत्सव को गुजरात के सबसे बड़े उत्सवों में से एक माना जाता है। पतंगों का यह उत्सव एक विशिष्ट गुजराती कार्यक्रम है जब राज्य के अधिकांश शहरों में आसमान सुबह से शाम तक पतंगों से भरा दिखाई देता है। पतंग उत्सव जनवरी के दूसरे सप्ताह के दौरान आयोजित किया जाता है। इस दिन राज्य में लगभग सभी सामान्य काम बंद हो जाते हैं और सभी लोग छतों और सड़कों पर पतंग उड़ाते हैं और अपने आसपास के लोगों के साथ प्रतिस्पर्धा करते हैं। दुनिया के विभिन्न कोनों से पर्यटक आते हैं और इस खूबसूरत महोत्सव का आनंद लेते हैं।
इस महोत्सव का आयोजन गुजरात पर्यटन निगम लिमिटेड द्वारा किया जाता है।
महत्वपूर्ण यह है कि पतंग उत्सव के बहाने जनवरी में करीब 50 हज़ार से ज्यादा विदेशी सैलानी गुजरात आते हैं इससे गुजरात पर्यटन को बढ़ावा मिला है।
– डॉ.प्रभात कुमार सिंघल
लेखक एवम पत्रकार, कोटा