मुंबईः लंबे समय से विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में नियमित रूप से अपनी उपस्थित दर्ज कराने वाली मुंबई की कथाकार अलका अग्रवाल सिगतिया का पहला कहानी संग्रह “मुर्दे इतिहास नहीं लिखते” का विमोचन रविवार को गीतकार माया गोविंद, दूरदर्शन मुंबई के प्रमुख मुकेश शर्मा और वरिष्ठ पत्रकार विश्वनाथ सचदेव समेत कई विभूतियों के कर-कमलों से हुआ। इस मौक़े पर अलका की दो कहानियों का पाठ अभिनेता विष्णु शर्मा और अनूप सोनी ने किया। कथाकार-आलोचक मनोज रुपड़ा ने कहानी संग्रह की कहानियों की समीक्षा पेश की।
विश्वनाथ सचदेव ने कहा कि अलका की कहानियां जीवन के विभिन्न पहलुओं को बड़ी गहराई से छूती हैं। वरिष्ठ कथाकार सुधा अरोड़ा ने कहानी संग्रह की भूमिका लिखने वाले कथाकार वरिष्ठ कथाकार ज्ञानरंजन के विचार से सहमति जताते हुए कहा कि अलका की कहानी संग्रह को 20 साल पहले आ जाना चाहिए था, क्योंकि उनकी कहानियां अस्सी के दशक से ही छप रही हैं। सुधा ने उन सामाजिक विसंगतियों पर भी प्रकाश डाला जिसमें स्त्री ज़्यादा प्रतिभाशाली, सक्रिय और रचनाशील होने के बावजूद छपने खासकर किताब के रूप में छपने में पुरुषों से पिछड़ जाती है। गौरतलब है अलका की पहली कहानी 1986 में अति प्रतिष्ठित साहित्यिक पत्रिका सारिका में प्रकाशित हुई थी। मुकेश शर्मा, फिल्म लेखक कमलेश पांडेय और नारायण रेकी की प्रमुख राजेश्वरी मोदी ने भी अलका की कहानियों पर अपने विचार व्यक्त किया। कथाकार सूर्यबाला का संदेश कविता गुप्ता ने पढ़ा।
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कथाकार धीरेंद्र अस्थाना ने अलका को आम आदमी की लेखिका करार देते हुए कहा कि अलका की कहानी पढ़कर यह लगता है कि यह हमारी कहानी है और उऩकी कहानिया आस्था पैदा करती हैं.समारोह में मशहूर शास्त्रीय गायिका डॉ. सोमा घोष ने अलका के गीतों का सजीव और सुंदर गायन पेश किया। खचाखच भरे सभागृह में श्यामसुंदर रुइया, दबंग दुनिया के आदर्श मिश्रा, उमाकांत वाजपेयी, सूरज प्रकाश, अभिषेक बच्चन, अभिलाष अवस्थी ओमप्रकाश चौधरी, अतुल तिवारी, कुलदीप सिंह और अभिजीत राणे बड़ी संख्या में साहित्य अनुरागी और समाजसेवी उपस्थित थे। समारोह का संचालन कवयित्री अर्चना जौहरी ने किया। अंत में अलका अग्रवाल सिगतिया ने अपनी बात रखते हुए कहानी संग्रह के आवरण पृष्ठ के सज्जाकार रोहित वर्मा समेत सबको धन्यवाद दिया। कार्यक्रम का संयोजन मुकुल सिगतिया और पत्रकार विवेक अग्रवाल ने किया। भवन्स कॉलेज कल्चरल सेंटर द्वारा एसपी जैन सभागृह में आयोजित इस कार्यक्रम में विशेष सहयोग परसाई मंच और वाजाल का रहा।�