Monday, July 1, 2024
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Homeसोशल मीडिया सेगांधीवाद की असलियत बताती एक प्रेरक कथा

गांधीवाद की असलियत बताती एक प्रेरक कथा

*पति पत्नी एक कार से जंगल से गुजर रहे थे।
अचानक पत्नी ने घायल जानवर के बच्चे कोसड़़क पर तड़़पते देखा और ड्राइवर को बोली, कार रोको !!

दोनों लोग कार से नीचे उतरे। पत्नी बोली, ये तो कुत्ते का बच्चा है… और उसको पानी पिलाने लगी।
बच्चे में जान आ गई।

पत्नी बोली, इसको साथ ले चलते हैं ।
पति बोला,
“इस जंगल में कुत्ता कहां से आया?”ये भेड़िये का बच्चा है।
पत्नी जिद्द कर बैठी। ये कुत्ते का बच्चा है।
*और उसे अपने साथ घर ले आई !!
इन दोनों के घर में पहले से दो कुत्ते थे। साथ ही उन पति-पत्नी स्वयं के भीदो बच्चे थे।

कुछ दिनों के बाद….
एक कुत्ता घर से गायब हो गया ,
तलाश की गई तो उसकी हड्डियां घर के पीछे मिलीं।

पति बोला, “देखो भेड़िये ने हमारे वफादार कुत्ते को मार डाला।”

पत्नी बोली,”ये दोनों कुत्ते पहले दिन से
इससे चिढ़़ते थे, इसीलिएइसने प्रतिक्रिया में ऎसा किया होगा।

कुछ दिनों के बाद, दूसरा कुत्ता भी गायब हो गया।

और फिर… कुछ दिनों के बाद उनका अपना बच्चा भी
गायब हो गया !!

घर में झगड़ा शुरू हो गया।

पड़ोसी भी बोलने लगे कि मोहल्ले से भेड़िये को भगाओ।

लेकिन गांधीवादी पत्नी मानने को तैयार नहीं थी।

दोनों के बीच तलाक़ हो गया।

पत्नी भेड़िये और अपने बचे हुए दूसरे बच्चे को लेकर अपने मायके आ गई।

कुछ दिनों के बाद…
*भेड़िया दूसरे बच्चे को भी खाकर भाग गया।
पत्नी भेड़िये को खोजने निकल पड़ी।
लोगों ने कहा,
“अब खोज कर क्या करोगी ?”

पत्नी बोली,
“उस भेड़िये से माफ़ी मांगूंगी कि
मेरे पति और मेरे दोनों कुत्तों ने अगर उस मासूम भेड़िये से नफरत ना की होतीतो बेचारे को मानव मांस खाने को मजबूर नहीं होना पड़ता !!”

गाँधी विचार-धारा यही है…

भेड़ियों से हमदर्दी और अपने ही हिन्दुओं से
*नफरत जो आज समाज में घुल गयी है। तमाम लोग इन सभी भेड़ियों से ही मुहब्बत कर रहे हैं
ये जानते हुए भी कि भेड़िये अपना चरित्र नहीं बदलते…

सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास.. आपका ही सर्वनाश कर देगा….

👹👹👹👹👹👹👹👹👹👹

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