आनंद महिंद्रा जैसे नामी-गिरामी उद्योगपतियों के लिए भी ट्विटर रामबाण साबित हो रहा है। अंग्रेजी वेबसाइट Quartz India को दिए एक इंटरव्यू में खुद महिंद्रा ग्रुप के चेयरमैन आनंद महिंद्रा ने अपनी पेशेवर जिंदगी में ट्विटर की अहमियत को रेखांकित किया है। जब उनसे पूछा गया कि आपका प्रोडक्टिविटी हैक क्या है? तो उन्होंने बिना देर किये जवाब दिया ‘ट्विटर मेरा कॉकपिट है’।
आनंद महिंद्रा के मुताबिक, ‘जब आप हमारे जैसी बड़ी फेडरेशन का हिस्सा होते हैं तो यह पता लगाना लगभग असंभव हो जाता है कि क्या चल रहा है। ऐसे में ट्विटर एकमात्र ऐसा माध्यम है, जिससे आप छोटे-बड़े कर्मचारी, आम ग्राहकों से सीधा संवाद कर सकते हैं, उनकी परेशानियों को सुन सकते हैं।’
ट्विटर पर एक्टिव होने या कहें कि उसकी खूबियों से परिचित होने से पहले आनंद महिंद्रा ने माइक्रोसॉफ्ट और SAP से एक ऐसा डैशबोर्ड विकसित करने को कहा था, जिसकी मदद से वह हर तरफ नजर रख सकें। महिंद्रा के अनुसार, ’मैं सबकुछ जानना चाहता था, जैसे कि हमारी डेट्रायट असेंबली लाइन के शॉप फ्लोर पर कौन सी मशीन काम नहीं कर रही है, लेकिन कंपनियों का कुछ और ही कहना था। तभी असम से किसी ने मुझे एक तस्वीर ट्वीट की। तस्वीर गुवाहटी के हमारे फर्स्ट क्राई (First Cry) स्टोर की थी। ट्वीट करने वाले व्यक्ति का कहना था कि बच्चों के पाउडर के डिब्बे पर एमआरपी को खुरचकर ज्यादा दाम का लेबल लगाया गया है। मैंने तुरंत उस ट्वीट को अपने सीईओ को भेजा और महज 24 घंटे में सीईओ ने मुझे बताया कि सम्बंधित फ्रैंचाइजी को इस गड़बड़ के बारे में बता दिया गया है। अब जरा उस फ्रैंचाइजी मालिक के बारे में सोचिये। वह समझ नहीं पाया होगा कि आनंद महिंद्रा को पाउडर के एक डिब्बे के बारे में कैसे पता चल गया?’
महिंद्रा के अनुसार, ‘आप इसे कुछ ऐसा समझ सकते हैं, जैसे बिग ब्रदर आप पर नजर रख रहा है, लेकिन मुझे इससे कोई समस्या नहीं है। बिग ब्रदर इसलिए नजर नहीं रख रहा है कि वो हिटलर है, बल्कि वो चाहता है कि आप सही रास्ते पर आगे बढ़ें। मुझे बिग ब्रदर होने में कोई परेशानी नहीं है, यदि मैं ट्विटर की शक्ति का सही इस्तेमाल कर रहा हूं।’
इसी तरह एक और घटना का जिक्र करते हुए आनंद महिंद्रा ने बताया, ‘कुछ वक्त पहले मुझे एक लड़के ने ट्वीट करके जानकारी दी कि नासिक में हमारी फैक्ट्री के सामने उसकी गर्लफ्रेंड की तबीयत खराब हो गई थी। उस मुश्किल घड़ी में फैक्ट्री के वॉचमैन ने उनकी मदद की। मैंने तुरंत प्लांट फोन करके अधिकारियों से उस वॉचमैन को मेरी तरफ से धन्यवाद कहने के लिए कहा। अब आप सोचिये कि इस एक ट्वीट ने कंपनी की संस्कृति के लिए क्या किया होगा। मैं अपने कर्मचारियों को सहानुभूति पर दस कार्यशालाएं दे सकता हूं, लेकिन एक ट्वीट ने निचले स्तर के कर्मचारियों के मन में कंपनी के लिए जो भाव पैदा किये, उसका कोई मुकाबला नहीं। अब आप ही बताइए, क्या SAP मुझे कभी इस तरह का कॉकपिट देता? मेरी उत्पादकता देखें, यह शानदार है’। मैं ट्विटर पर इसलिए नहीं हूं कि मैं अकेला हूं, मेरा भरापूरा परिवार है, मैं यहां इसलिए हूं, क्योंकि यह एक बिजनेस टूल है, जो भी सीईओ ट्विटर पर नहीं हैं, वह बहुत कुछ गंवा रहे हैं’।