मुंबई। हल्की बारिश में भी कई स्थानों पर पानी जम जाता है। पटरियों पर पानी आने से लोकलसेवा रखडती है। इसके लिए हमेशा नालासफाई को जिम्मेदार माना जाता हैं। इसी संदर्भ में मुंबई शहर, पूर्व व पश्चिम उपनगर की जलमलनिकासी की नालासफाई की बनाई रिपोर्ट को सार्वजनिक कर ठेकेदार, आईएएस और मनपा अधिकारियों पर एफआईआर दर्ज करने की मांग आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और मनपा आयुक्त अजोय मेहता को भेजे हुए पत्र में की है।
मनपा आयुक्त अजोय मेहता के २३ जुलाई 2015 के आदेश के बाद उप आयुक्त प्रकाश पाटील की अगुवाई में मुंबई की नालासफाई की जांच हुई और हाल ही में हजारों पन्ने की भारी रिपोर्ट पेश हुई है। एक ही वाहन टू वे ब्रिज से एक ही समय पर जाने की बात सामने आई हैं।इसके अलावा एक ही वाहन दो ठेके में एक ही समय इस्तेमाल करने की बात लॉगशीट के अनुसार दिखाई गई है। एक ठेके की एक फेरी पूर्ण होने के पहले ही दुसरे ठेके की उसी वाहन की फेरी शुरु की गई है। एक ही वाहन दो ठेके में इस्तेमाल करने के दौरान उस वाहन की गिनती अलग दिखाकर उसके तहत अन्य क्षमता का मलबा लेकर जाने का रिकॉर्ड है। ठेके में प्रावधान होते हुए चेकपोस्ट का निर्माण नही किया गया ना त्रयस्थ ऑडिटर की नियुक्ती की गई। ऐसी आपत्ती जांच समिति ने दर्ज की है। इसके अलावा कुछ ठेकेदारों को रकम देते वक्त लॉगशीट एवमं अन्य दस्तावेज की जांच नही की गई है।
सत्य और वस्तुस्थिति पर आधारित इस रिपोर्ट से सालोंसाल मुंबईकरों से फर्जीवाडा कर मनपा को करोड़ों का चूना लगानेवाले ठेकेदार, जिम्मेदार आईएएस और मनपा अधिकारी के खिलाफ मनपा को एंटी करप्शन ब्यूरो से शिकायत कर एफआईआर दर्ज करने की मांग अनिल गलगली ने की है। ताकि भविष्य में ऐसा भ्रष्टाचार करने की हिम्मत कोई भी मनपा अधिकारी और ठेकेदार नही करेगा। इस रिपोर्ट को सार्वजनिक करने की मांग अनिल गलगली ने की है।
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अनिल गलगली
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