लखनऊ विश्वविद्यालय के शताब्दी समारोह में शामिल होने पहुंचे मशहूर भजन गायक अनूप जलोटा ने 47 साल बाद अपनी स्नातक की डिग्री ली। इस मौके पर विश्वविद्यालय के उपकुलपति आलोक कुमार रॉय ने उन्हें सम्मानित किया।
अनूप जलोटा ने बताया कि ये मेरे लिए दूसरी बार पद्मश्री मिलने जैसा अनुभव है। उन्होंने बताया कि मेरा मन गायकी में लगता था और मुंबई जाना चाहता था। पिताजी से कहा तो उन्होंने शर्त रखी कि पहले बीए करो तभी मुंबई जाने दूंगा। इसके बाद स्नातक तो पूरा हो गया पर डिग्री नहीं ले पाया। जब वाइस चांसलर जी ने फोन किया तो मैं डिग्री लेने के लिए आ गया।
उन्होंने बताया कि पढ़ाई में मन नहीं लगता था पर मैं एक अच्छा विद्यार्थी था। बीए में मेरे विषय हिंदी, समाजशास्त्र और राजनीति विज्ञान थे। बतौर गायक अपने सफर के बारे में उन्होंने बताया कि मैंने अपने संगीत कॅरिअर की शुरुआत कोरस (सहगायक) के रूप में की थी तब 320 रुपये मिलते थे।
बीए 1973 में पूरा हो गया था लेकिन डिग्री नहीं ले पाया। अब जब डिग्री ली तो दूसरी बार पद्मश्री पाने जैसा अनुभव हो रहा है। लखनऊ विश्वविद्यालय से एक भावनात्मक रिश्ता है। विश्वविद्यालय के शताब्दी समारोह में प्रस्तुति देने से जो आनंद प्राप्त हुआ उसे शब्दों में नहीं बताया जा सकता। जो सुख यहां है वो कहीं और नहीं है। इसके पहले उन्होंने लखनऊ विश्वविद्यालय परिसर का भ्रमण किया और शिक्षकों से मुलाकात की।