हरित पर्यावरण की दिशा में पश्चिम रेलवे ने एक और अहम उपलब्धि दर्ज की है। पश्चिम रेलवे के लिए गर्व की बात है कि मुंबई सेंट्रल में एक सॉलिड वेस्ट डिस्पोजल एंड मैनेजमेंट संयंत्र स्थापित किया गया है। कोच केयर सेंटर के बाहर स्थापित इस संयंत्र ने 23 मई, 2018 से अपना काम शुरू कर दिया है। यह बायोगैस प्लांट ऑर्गेनिक कचरे को गैस में परिवर्तित करेगा, जिसका उपयोग भोजन पकाने में किया जा सकेगा। हरित, स्वास्थ्यकर एवं स्वच्छ पर्यावरण की दिशा में यह एक महत्त्वपूर्ण उपलब्धि एवं चतुराईपूर्ण निर्णय है।
पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी श्री रविंद्र भाकर द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट की क्षमता 0.5 टन है तथा इसे स्थापित करने में लगभग 50 लाख रु. की लागत आई है। स्टेशन एवं मंडल के बेस किचन एवं मुंबई सेंट्रल कोचिंग डिपो में ट्रेनों के कचरे को एकत्रित किया जा रहा है। श्री भाकर ने बताया कि इन इकाइयों से लगभग 200-250 किलोग्राम ऑर्गेनिक कचरा एकत्रित किये जा रहा है। यद्यपि बायोगैस प्लांट में 500 किग्रा ऑर्गेनिक कचरे की क्षमता है।
श्री भाकर ने बताया कि यदि प्लांट को इसके अधिकतम क्षमता पर परिचालित किया जाये तो यह प्रतिदिन एक पूरे एलपीजी सिलेंडर के बराबर गैस का निर्माण कर सकता है। परन्तु वर्तमान में कम मात्रा में कचरा एकत्रित हो रहा है। अतः प्लांट एक एलपीजी सिलेंडर के एक चौथाई से अधिक गैस का ही निर्माण कर पा रहा है। इस बायोगैस प्लांट से न खाना पकाने हेतु न केवल पर्यावरण अनुकूल गैस का निर्माण होगा, बल्कि कचरा निस्तारण प्रणाली को भी मदद मिलेगी। मिश्रित कचरे को एक निर्धारित स्थल पर एकत्रित किया जायेगा तथा इस्तेमाल न किये हुए भोजन, सब्जियों के कूड़े, गोबर, सड़े फलों, फलों के छिलके इत्यादि जैसे बायोडिग्रेबल एवं प्लास्टिक बोतलें, पोलिथीन बैग, पेपर, लकड़ी, अंडे के छिलके इत्यादि जैसे गैर-बायोडिग्रेबल कूड़े को अलग किया जायेगा। कम्पोस्टिंग के ज़रिये ऑर्गेनिक कचरे का उपयोग बायोगैस के निर्माण हेतु किया जायेगा। तैयार बायोगैस को एक स्टोरेज बैलून में स्टोर किया जायेगा तथा आवश्यकतानुसार बेस किचन को इसकी सप्लाई की जायेगी। कूड़े के निस्तारण एवं बायोमास पृथक्करण की सम्पूर्ण प्रक्रिया में मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) द्वारा निर्धारित मानदंडों का पालन किया जायेगा।