भारतीय वायु सेना की फ़्लाइंग ऑफ़िसर अवनि चतुर्वेदी लड़ाकू विमान अकेले उड़ाने वाली देश की पहली महिला पायलट बन गई हैं. उन्हाेंने रूसी मिग-21 बाइसन में सोमवार को गुजरात के जामनगर एयरबेस से उड़ान भरी और सफलतापूर्वक 30 मिनट का अपना मिशन पूरा किया.
उड़ान के दौरान अवनि के प्रशिक्षक पीछे की सीट पर बैठे रहे ताकि किसी आपातकालीन स्थिति में मदद कर सकें. हालांकि उन्हें इसका मौका नहीं मिला. यहां बताते चलें कि मिग-21 बाइसन सुपरसोनिक लड़ाकू विमान उड़ाने के लिहाज़ से सबसे मुश्किल किस्म के विमानों में शुमार होता है. मिग-21 भारतीय वायु सेना के लड़ाकू विमानों के बेड़े में सबसे पुराने विमान भी हैं.
अवनि मध्य प्रदेश के रीवा जिले की रहने वाली हैं. उनकी स्कूली शिक्षा भी वहीं हुई है. आगे उन्होंने जयपुर के बनस्थली विद्यापीठ से कंप्यूटर साइंस में बी-टेक किया है. जुलाई-2016 में उन्हें वायु सेना में कमीशंड अधिकारी के तौर पर शामिल किया गया. उनके साथ पहले बैच में भावना कांत और मोहना सिंह भी इसी पद पर नियुक्त हैं. तीनों ने हैदराबाद के पास स्थित एयरफोर्स अकादमी से प्रशिक्षण हासिल किया है.
अवनि का मतलब पृथ्वी होता है और अवनि ने इस उड़ान के माध्यम से धरती और आकाश को एक कर अपने नाम को सार्थक कर दिया है।