देश में छात्रों की आने वाली नई पीढ़ी बीए और बीएससी जैसी पढ़ाई की पारंपरिक कोर्सो से महरूम रहेगी। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने बीए और बीएससी की पढ़ाई को आउट ऑफ डेटेड बताते हुए इसे बंद करने का प्रस्ताव पास किया है। यूजीसी के मुताबिक बीए, बीएससी की पढ़ाई अब रोजगार परक नहीं है। इसलिए इसमें बदलाव जरूरी है। इसकी जगह नया कोर्स लांच करने की तैयारी है। इसका नाम बैचलर ऑफ वोकेशनल एजूकेशन (बीवोक) रहेगा जो पूरी तरह से रोजगार परक होगा। इंडस्ट्री की मांग के मुताबिक कोर्स करिकुलम तैयार किया जाएगा। यूजीसी ने बीए, बीएससी की पढ़ाई को रिप्लेस करने का मसौदा तैयार कर लिया है। इसका सकरुलर भी राज्य विश्वविद्यालय और संबद्ध महाविद्यालयों की वेबसाइट, लॉगिन पर उपलब्ध है।
200 कालेजों में कोर्स शुरू होगा
27 नवंबर को यूजीसी के वाइस चेयरमैन एस. देवराज की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि प्रयोग के तौर पर बीवोक का नया कोर्स सत्र 2015-16 से शुरू किया जाएगा। पहले फेज के दौरान देश के 200 कालेजों में यह कोर्स शुरू होगा। अगले 10 सालों में संशोधित कोर्स देश के सभी राजकीय, अनुदानित और सेल्फ फाइनेंस कालेजों में पढ़ाने की योजना है। यह व्यवस्था कई फेज में लागू जाएगी।
कालेजों को मिलेगा अनुदान
वाइस चेयरमैन ने कहा कि यूजीसी का अनुदान अब परफारमेंस पर आधारित कर दिया गया है। जिस कालेज के पास अच्छी फैकल्टी, रिसर्च, इंफ्रास्ट्रBर और एजूकेशन क्वॉलिटी बढ़िया होगी, उसे अच्छा अनुदान दिया जाएगा।
निजी संस्थानों को 25 हजार करोड़ की मदद
यूजीसी के वाइस चेयरमैन के मुताबिक राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान के तहत देश के निजी शैक्षिक संस्थानों को 25 हजार करोड़ रुपये का अनुदान दिया जाना है। इससे शैक्षिक गुणवत्ता में जबरदस्त सुधार की उम्मीद है। देवराज ने कहा है कि उच्च शिक्षा की गुणवत्ता में इंग्लैंड और अमेरिका की तरह सुधार की जरूरत है। यूजीसी ने एजूकेशनल इंस्टीट्यूट को और जवाबदेह बनाने की कवायद की है।