जयपुर। जयपुर में इस बार बकरीद पर जैनियों ने भी बकरे खरीदे और अंहिसा का संदेश देने के लिए इन्हें बकराशाला में भेज दिया। जयपुर में जैन समाज की एक संस्था वर्धमान स्थानकवासी जैन श्रावक संस्था ने जयपुर की बकरा मण्डियों से 55 बकरे खरीदे और इन्हें इनकी स्वाभाविक मौत तक बचाने के लिए पाली जिले के जैतारण में स्थित बकराला में भेज दिया।
संस्था से जुडे सुरे गोखरू ने बताया कि इस बार हमने जीवदया के लिए खर्च की जाने वाली राशि इस मौके पर खर्च करने का निर्णय किया था, ताकि जहां तक सम्भव हो सके जीव हत्या रोकी जा सके। उन्होंने कहा कि हम किसी भी समुदाय की धार्मिक परम्परा के खिलाफ नहीं है, लेकिन हमारी परम्परा के अनुसार हम अंहिसा में विश्वास करते हैं और इसीलिए यह काम किया। इसके लिए हमारे कार्यकर्ता जयपुर की विभिन्न मण्डियों में गए और वहां से दलालों की मार्फत बकरे खरीदे।
गोखरू ने बताया कि हमें लोगों के विरोध की आशंका थी, लेकिन आश्चर्य रहा कि किसी तरह का कोई विरोध सामने नहीं आया और हमने आसानी से बकरे खरीद लिए। इस पर करीब चार लाख रूपए का खर्च आया। इन बकरों को एक ट्रक में रख कर हम जैन स्थानक लाए। यहां जैन संतों ने बकरों को आशीर्वाद दिया और इन्हें तिलक लगा कर जैतारण स्थित बकराशाला भेज दिया गया। वहां एक बकरे के लिए प्रतिमाह एक हजार रूपए का खर्च देना होता है। वह खर्च भी हमने लोगों के सहयोग से दिया।
गोखरू ने बताया कि इस काम के लिए हमें कई लोगों ने सहयोग दिया और जिसने सुना वह आसानी से इसके लिए तैयार हो गया। गोखरू ने बताया कि अगले वर्ष यह कार्यक्रम और भी बडे पैमाने पर किया जाएगा।
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