द इंडियन एक्सप्रेस ने ख़ुलासा किया है कि बैंकों में जमा आपका पैसा बैंक वाले जेबकट की तरह काट रहे हैं और आपको इसकी भनक तक नहीं है। इसमें बताया है कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने 2017 में अप्रैल से नवंबर के बीच ही खातों में मिनिमम बैलेंस न रखने वालों से 2,320.96 करोड़ रुपए वसूले हैं. मजे की बात ये है कि ये आँकड़े खुद वित्त मंत्रालय ने ही जारी किए हैं।
इंडियन एक्सप्रेस का दावा है कि भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने 2017 के अप्रैल से नवंबर के बीच खातों में मिनिमम बैलेंस न रखने वालों से 1,771 करोड़ रुपए वसूले हैं. यह आंकड़ा जुलाई से सितंबर के बीच हुई बैंक की कमाई से भी ज्यादा है. जबकि अप्रैल से सितंबर के बीच उसे जो कमाई हुई उसके आधे के आस-पास है. आंकड़ों के मुताबिक़ एसबीआई ने जुलाई-सितंबर के बीच 1,581 करोड़ रुपए और अप्रैल-सितंबर के बीच 3,586 करोड़ रुपए की कमाई की है.
अख़बार ने इस बाबत एसबीआई से प्रतिक्रिया लेने की कोशिश की तो वहां से कोई जवाब नहीं आया. यही नहीं एसबीआई की तरह अन्य सरकारी बैंकों के आंकड़े की भी इसी तरफ़ इशारा करते हैं. मसलन- पंजाब नेशनल बैंक ने अप्रैल-नवंबर के बीच इसी तरह की वसूली से 97.34 करोड़ रुपए कमाए. जबकि इसके बाद तीसरे और चौथे नंबर पर सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया (68.67 करोड़ रुपए) और कैनरा बैंक (62.16 करोड़ रुपए) रहे.
जानकारी के अनुसार एचडीएफसी, आईसीआईसीआई और एक्सिस बैंक जैसे कई निजी बैंक तो इससे भी एक कदम आगे हैं. ये बैंक मिनिमम बैलेंस न रखने वाले अपने खाताधारकों से तो पैसा वसूलते ही हैं एक निश्चित सीमा से ज़्यादा नग़द निकासी करने पर भी वसूली करते हैं. तिस पर इनकी दलील ये होती है कि नगदी-विहीन लेन-देन और डिजिटल अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहित करने के लिए ये इस तरह के कदम उठा रहे हैं.