महिलाएं चाहे तो क्या नहीं कर सकतीं, बस आवश्यकता है आत्मविश्वास, कड़े परिश्रम और सही मार्गदर्शन की। कुछ ऐसा ही कर दिखाया है ग्राम बड़े मारेंगा की महिलाओं ने। बस्तर जिले के तोकापाल ब्लॉक के ग्राम बड़े मारेंगा की 10 महिलाओं ने स्वयं सहायता समूह बनाकर लघु व्यवसाय करने की ठानी। उन्होंने अपने गांव की महिलाओं को संगठित कर स्वयं सहायता समूह का गठन किया और आत्मनिर्भरता की ओर अग्रसर करने वाली एक ऐसी राह पकड़ी, जिसमें उन्हें भरपूर सफलता मिली। अब प्रत्येक सदस्य को हर माह 10 हजार रुपये तक की आमदनी होती है, जिसे देखकर गांव की अन्य महिलाओं को भी प्रेरणा मिली। यही नहीं आसपास के गांवों में भी स्वयं सहायता समूह के माध्यम से महिलाएं संगठित हो रही हैं और शासन की योजना से आसानी से ऋण प्राप्त कर अपना व्यवसाय शुरू कर रही हैं।
महिला एवं बाल विकास विभाग के द्वारा बस्तर जिले की एकीकृत बाल विकास परियोजना तोकापाल के ग्राम बड़ेमारेंगा की महिलाओं को समूह गठन और उनसे होने वाले लाभ के विषय में विस्तृत जानकारी दी गई, जिससे महिलाओं ने समूह गठन करने का निर्णय लिया तथा 10 महिलाओं ने मिलकर बूंदों महिला स्वयं सहायता समूह का गठन किया। महिला स्वयं सहायता समूह ने ऋण लेकर ककून देने वाले रेशम के कीड़े को पालने का कार्य प्रारंभ किया, जिससे वर्तमान में प्रत्येक सदस्य को लगभग 8 हजार से 10 हजार रुपये तक मासिक आमदनी हो रही है।
साभार- http://hindi.business-standard.com/ से