अब रिया चक्रवर्ती, और उससे पहले सचिन पायलट। ‘आज तक’ धर्मात्मा बनने के लिए इनसे पहले भी, जाने कितने आए होंगे! तीम सलप्ताह में दो इंटरव्यू, जी हां, रिया और पायलट के इंटरव्यू देख देश को लगा जैसे कोई न्यूज चैनल नहीं, लिखी लिखाई पटकथा की प्रस्तुति का पराक्रमी मंच हो। रिया और पायलट को सवालों में संत साबित करने के दुखद दृश्यों में दर्शक अपने भरोसे की हत्या देखने को मजबूर था। क्योंकि देश का दिल तो सच पूछना चाहता था! मगर, एंकर तो आरोपी को धर्मात्मा साबित करने की कला में प्रचंड प्रतिभाशाली था, सो सीधे कलंकित पात्र के प्रति सद्भावना जगाने की जुगत जगाता दिखा। अपने आप ही सबसे तेज होने का तमगा पहनना बहुत आसान है, और उससे भी तेजी से बेशर्मियां करना भी उतना ही आसान है। इसलिए, कहना मुश्किल है कि आने वाला इतिहास इसे खुद ही अपनी इज्जत लुटवानेवाले सबसे तेज चैनल के रूप में याद करेगा या अपनी चालाकियों के चमत्कार दिखानेवाले मदारी की बिसात के तौर पर।
गनीमत है कि यह कोई देश का आखिरी न्यूज चैनल नहीं है, और फिलहाल इतिहास ऐसे किसी चैनल की बरबादी अपने पन्नों पर लिखने को बाध्य भी नहीं है। लेकिन जब भी लिखा जाएगा, तो कई ‘राज’ भी खुलेंगे और ‘दीप’ भी बुझेंगे। इसलिए एक बढ़िया चैनल की मट्टी पलीद होते देख माथा मत पीटिए। क्योंकि बरबादी की खबरें अभी और भी हैं, देखते रहिए आज तक। और अमेरिका में पिटने के बावजूद, ये सुधरेंगे कब, इसका इंतजार कीजिए अनंत तक।