लखनऊ। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा उद्घाटन के 9 माह के भीतर ही डाक विभाग के अधीन इण्डिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक सरकार की तमाम प्रमुख योजनाओं का वितरण करने वाला प्रमुख बैंक बन गया है। “आपका बैंक, आपके द्वार” की तर्ज पर देश के हर गाँव तक इसकी पहुँच ने सरकारी विभागों के लिए आम जन से जुड़ने का आसान माध्यम बना दिया है। लखनऊ मुख्यालय परिक्षेत्र के निदेशक डाक सेवाएँ श्री कृष्ण कुमार यादव ने बताया कि इण्डिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक की पहुंच सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में होने के कारण ग्राहकों में इसके प्रति विशेष उत्साह है जिसके चलते उत्तर प्रदेश प्रदेश में पिछले वित्तीय वर्ष में 11.31 लाख खाते खोले गए। इन खातों के माध्यम से ग्राहक अपनी बैंकिंग आई.पी.पी.बी के माध्यम से कर रहे हैं एवं अपने खातों में सब्सिडी भी प्राप्त कर रहे हैं। रोज़ाना हज़ारो की संख्या में लाभार्थी बैंक से जुड़ रहे हैं एवं डाक विभाग की सुदूर पहुँच का लाभ उठा रहे हैं।
डाक निदेशक श्री कृष्ण कुमार यादव ने बताया कि केंद्र और राज्य सरकार की तमाम जनकल्याणकारी योजनाओं को डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर के तहत लोगों से जोड़ने हेतु इण्डिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक खाते का इस्तेमाल किया जा रहा है। इसी क्रम में समाज कल्याण विभाग, उत्तर प्रदेश के माध्यम से संचालित योजनाओं में डी०बी०टी० से आच्छादित योजनाओं हेतु आईपीपीबी खाते का उपयोग किये जाने के राज्य सरकार ने निर्देश जारी किये हैं। समाज कल्याण विभाग की तरफ से समस्त जिलाधिकारियों को लिखे पत्र में छात्रवृत्ति योजना, वृद्धावस्था पेंशन योजना, स्वतंत्रता सेनानी पेंशन योजना, विधवा पेंशन योजना, राष्ट्रीय पारिवारिक लाभ योजना, अत्याचार उत्पीड़न योजना आदि के पात्र लाभार्थियों को आई०पी०पी०बी० खाते के माध्यम से भी भुगतान करने के निर्देश जारी किये गए हैं। आईपीपीबी की उत्तर प्रदेश में कुल 73 शाखायें और 17,664 डाकघरों में एक्सेस प्वाइंट के माध्यम से उपलब्धता है।
श्री यादव ने कहा कि इसके साथ ही, उत्तर प्रदेश व केंद्र सरकार की अनेक डी०बी०टी० योजनाएं जिनका भुगतान पब्लिक फाइनेंशियल मैनेजमेंट सिस्टम (पी०एफ०एम०एस०) के अंतर्गत होता है जैसे कि गैस सिलिंडर सब्सिडी, प्रधान मंत्री किसान सम्मान निधि योजना आदि का भुगतान भी आई०पी०पी०बी० खातों में प्राप्त किया जा सकता है। केंद्र सरकार के पब्लिक फाइनेंस मैनेजमेंट सिस्टम से लिंक होने के कारण सब्सिडी की धनराशि लाभार्थी के खाते में सीधे पहुँचती हैं। कल्पना करें, एक वृद्ध, निशक्त वृद्धावस्था पेंशन के लाभार्थी अब अपने खाते से लेन-देन अपने गांव के डाकिये के माध्यम से कर रहे हैं, यह डाक विभाग द्वारा इण्डिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक के अंतर्गत किया गया एक क्रांतिकारी परिवर्तन है। श्री यादव ने बताया कि डाक विभाग ने भी सभी पोस्टमास्टर्स और डाकियों को निर्देशित किया है कि ग्रामीण स्तर पर अभियान चलाकर लोगों को इस सम्बन्ध में जागरूक करें और पेमेंट बैंक में उनका खाता खुलवाने में मदद करें।