बंगाल में एक विधानसभा व एक लोकसभा सीट पर हुए उपचुनाव में तृणमूल कांग्रेस भले जीत गई हो , परंतु, इन दोनों सीटों के उपचुनाव से एक बात साफ हो गई है कि माकपा व कांग्रेस के लिए मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। क्योंकि, दोनों ही सीटों पर भाजपा ने दमदार उपस्थिति दर्ज कराकर एक बात स्पष्ट कर दिया है कि मुख्य विपक्षी दल भाजपा है। इस उपचुनाव में माकपा तीसरे व कांग्रेस चौथे स्थान पर चली गई है। भाजपा के वोट प्रतिशत में काफी इजाफा हुआ है। हालांकि, तृणमूल के वोट प्रतिशत भी बढ़े हैं। इससे प्रमाणित होता है कि 34 वर्षों तक बंगाल पर शासन करने वाले वामपंथियों के प्रति आम लोगों का जुड़ाव सत्ता से दूर होने के सात वर्ष बाद ही नहीं हो सका है। वहीं कांग्रेस जो पिछले विधानसभा में वाममोर्चा के साथ मिलकर चुनाव लड़ी थी वह मुख्य विपक्षी दल बनकर उभरी। परंतु, इसके बाद कांग्रेस की भी जमीन लगातार खिसकती जा रही है।
वाममोर्चा व कांग्रेस का बड़ा वोट बैंक भाजपा की ओर रूख कर रहा है तो कुछ तृणमूल की ओर। इसी का नतीजा है कि दोनों ही सीटों पर तृणमूल का वोट प्रतिशत भी बढ़ा है। हालांकि, मतदान के दिन व उससे पहले माकपा, कांग्रेस से लेकर भाजपा नेता तक आरोप लगाते रहे हैं कि यदि निष्पक्ष, शांतिपूर्ण व निर्बाध मतदान हुआ तो तृणमूल कभी नहीं जीत सकती। दोनों ही सीटों पर भाजपा ने दमदार उपस्थिति दर्ज कराकर एक बात स्पष्ट कर दिया है कि मुख्य विपक्षी दल भाजपा है। अगले विधानसभा व लोकसभा के आम चुनाव में लड़ाई भाजपा बनाम टीएमसी ही होने वाली है ।
अशोक भाटिया
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