पूर्व राष्ट्रपति शंकर दयाल शर्मा के भाई शंभूदयाल शर्मा को धोखाधड़ी के एक मामले में भोपाल के न्यायालय ने तीन साल कैद की सजा सुनाई गई है। शुक्रवार को न्यायिक मजिस्ट्रेट वर्षा शर्मा ने यह फैसला सुनाते हुए उन पर एक हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया।
मामला वर्ष 1995 में सतपुड़ा भवन स्थित जिला कुष्ठ विभाग से संबंधित है। फरियादी रामसनेही ने 27 अगस्त, 1999 को कलेक्टर और विभाग में लिखित शिकायत की थी कि जिला कुष्ठ विभाग प्रभारी शंभूदयाल शर्मा ने नौकरी के नाम पर उससे धोखाधड़ी की है। शिकायत में कहा कि उसने विभाग में एनएमए पद पर नियुक्ति के लिए आवेदन दिया था किंतु इसके लिए उसकी शैक्षणिक योग्यता पूर्ण नहीं थी। उसे शंभूदयाल ने आश्वासन दिया था कि वह इसके बावजूद उसकी नौकरी लगवा देगा।
आरोपी ने उसकी नौकरी तो लगवा दी लेकिन अपने घर के काम करवाने लगा। इसके अलावा उससे दो हजार रुपये की वेतन पर्ची पर हस्ताक्षर करवाता था और उसे मात्र 500 रुपये का भुगतान करता था। फरियादी ने तंग आकर नौकरी छोड़ दी थी। बाद में पुलिस में मामला दर्ज करवाया गया था।