फ्रांस की व्यंग्य पत्रिका ‘शार्ली हेब्दो’ (Charlie Hebdo) ने मंगलवार यानी 1 सितंबर को पैगंबर मोहम्मद साहब और इस्लाम से जुड़े कुछ विवादास्पद कार्टून्स को फिर से प्रकाशित किया है। बता दें कि इसी कार्टून्स को छापने की वजह से ही पांच साल पहले मैगजीन के दफ्तर पर आतंकी हमला हुआ था, जिसमें 12 लोग मारे गए थे।
दरअसल, मैगजीन की ओर से यह प्रकाशन ऐसे समय पर हुआ है, जब पांच साल पहले हुए इसी वारदात के साजिशकर्ताओं पर बुधवार को अदालत में मुकदमा शुरू हुआ।
मैगजीन के संपादक लौरेंट रिस सौरीस्यू ने अपने लेटेस्ट एडिशन में कार्टून को फिर से छापने को लेकर लिखा, ‘हम कभी झुकेंगे नहीं, हम कभी हार नहीं मानेंगे।’
मैगजीन के हालिया संस्करण के कवर पेज पर दर्जनभर कार्टून छापे गए हैं। कवर पेज के बीच में पैगंबर मोहम्मद साहब का कार्टून है। जीन काबूट ने इसे बनाया था। उन्हें काबू नाम से भी जाना जाता था। 2015 में हुए हमले में उनकी जान चली गई थी। फ्रंट पेज की हेडलाइन है, ‘यह सब, बस उसी के लिए।’
कार्टून के अलावा पत्रिका की संपादकीय टीम ने कहा है कि यह उन कार्टून्स को छापे जाने का सही समय है। उनका कहना है कि इस मामले में मुकदमा शुरू हो चुका है और इसलिए इन कार्टून्स को छापना जरूरी है। टीम ने कहा है कि जनवरी, 2015 के बाद उनसे बार-बार यही कहा जाता रहा है कि हम पैगंबर मोहम्मद साहब के दूसरे कैरिकेचर भी छापें।
बता दें कि इन्हीं कार्टून्स छापने को लेकर खूनी विवाद हुआ था। 7 जनवरी साल 2015 को पेरिस स्थित ‘शार्ली हेब्दो’ के कार्यालय में दो आतंकी भाइयों ने अंधाधुंध गोलियां बरसाईं थीं। इस आतंकी हमले में पत्रिका के संपादक स्टीफन कार्बोनियर समेत 12 लोग मारे गए थे, जिनमें से कुछ मशहूर कार्टूनिस्ट थे। मारे गए लोगों में ज्यादातर पत्रकार थे।
पत्रिका ने हमले से करीब दस साल पहले पैगंबर मोहम्मद साहब का कार्टून प्रकाशित किया था। इसी से नाराज मुस्लिम हमलावरों ने पत्रिका के दफ्तर पर हमला किया था। जांच में माना गया कि तीनों हमलावर सीरिया से आए थे, जो बाद में अलग-अलग स्थानों पर हुई मुठभेड़ में मार गिराए गए।
‘शार्ली हेब्दो’ के ऑफिस पर जनवरी 2015 में हुए आतंकी हमले की सुनवाई भी बुधवार (2 सितंबर) से शुरू हुई। वारदात के साजिशकर्ता के तौर पर 14 लोगों को आरोपी बनाया गया है, जिनमें से बुधवार को 11 अदालत में मौजूद थे। अदालत अब इन्हीं पर मुकदमा चला रही है।
पहले दिन की सुनवाई के समय पत्रिका के वर्तमान संपादक लौरेंट रिस सौरीस्यू भी मौजूद थे। वह आंखें बंदकर सिर झुकाए हुए अदालत की कार्यवाही में कही जा रही बातों को सुनते रहे।
न्यायाधीश रेजिस डी जोर्ना ने हमलावर सैद और चेरिफ काउची नाम के भाइयों को पैगंबर और इस्लाम का सबसे बड़ा दुश्मन बताया। इन दोनों का संबंध अल कायदा की यमनी शाखा से पाया गया है।
साभार – https://www.samachar4media.com/ से