कोटा। विगत दिनों जिले में अतिवृष्टि एवं बाढ़ से हुए नुकसान का जायजा लेने पहुंचा केन्द्रीय अंतर मंत्रालयिक दल ने गुरूवार को प्रशासनिक अधिकारियों के साथ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर हालात जाने। दल ने पीपल्दा-बीरम गांव में जाकर फसल खराबा एवं पानी के तेज बहाव से नष्ट हुई पुलिया एवं सड़क का अवलोकन किया जहां ग्रामीणों ने बताया कि गांव में फसल पूरी तरह बरबाद हो चुकी है तथा पुलिया टूट जाने से एक तरफ का आवागमन भी बंद है। उन्होंने इटावा उपखण्ड के सीमावर्ती गांव गिरधरपुरा में नदी के बहाव से ग्रामीणों के आवासों में हुए नुकसान का मौके पर जाकर निरीक्षण किया जहां सभी घरों में आवास के नुकसान के साथ-साथ खाद्यान्न, बर्तन, कपड़े एवं अनाज के पूरी तरह खराब हो जाने से ग्रामीणों पर पड़े प्रभाव के बाद प्रशासन द्वारा किये गये राहत कार्याें की भी जानकारी ली।
केन्द्रीय दल के सदस्यों द्वारा गांव में जिला प्रशासन द्वारा विद्यालय में संचालित राहत शिविर में जनसुनवाई कर लोगों से घटनाक्रम की जानकारी ली। प्रशासन द्वारा यहां सभी गांववालों को बाढ़ के बाद से भोजन एवं रहवास की सुविधा की जा रही है।
ग्रामीणों ने केन्द्रीय दल को बताया कि 400 सालों से यह गांव बसा हुआ है। अभी तक इस तरह का जलप्लावन उन्होंने नहीं देखा है, इस बार सभी आवास क्षतिग्रस्त हो गये हैं। उन्होंने जिला प्रशासन के अधिकारियों से मांग रखी कि उन्हें नदी के किनारे से दूसरे स्थान पर विस्थापन करने के लिए जमीन उपलब्ध करवाकर विशेष पैकेज दिये जाये जिससे आवास बना सके। प्रभावित परिवार की कान्ति बाई पत्नि बाबूलाल, महावीर पुत्र बैजनाथ एवं रामकुमार बैरवा ने बताया कि उनके अनाज से लेकर कपड़े, आवास सबकुछ नष्ट हो गया है। जीवन की शुरूआत नये सिरे से करनी होगी उन्हें विशेष राहत दिलाई जाये।
दल द्वारा ग्राम हथोली, सम्मानपुरा में भी फसल खराबे एवं आवासों में हुए नुकसान का जायजा लिया तथा प्रशासन द्वारा बनाये गये राहत शिविर में जाकर ग्रामीणों से रूबरू हुए। गांव की वृद्ध महिला मनभर गुर्जर ने बताया कि भोजन, आवास, कपडे सभी नष्ट हो गये हैं उन्हें विशेष राहत दिलाई जाये। दल द्वारा ग्राम बोरदा में सम्पूर्ण प्रभावति क्षेत्र का पैदल भ्रमण कर आवासों में हुए नुकसान का जायजा लिया तथा एक-एक परिवार से रूबरू हुए। गांव के लटूरलाल का सम्पूर्ण आवास जमीदोज देखकर दल के सदस्य भी हतप्रद रह गये।
पीपल्दा विधायक रामनारायण मीणा ने अतिवृष्टि से स्थानीय काश्तकारों की फसल नष्ट होने के कारण आगामी फसल पैदा करने के लिए त्वरित राहत देने, क्षतिग्रस्त हुए आवासों, अनाज, कपड़े, बर्तन आदि के नुकसान को देखते हुए विशेष पैकेज देने की मांग की। केन्द्रीय दल के सदस्यों ने जिला प्रशासन को बाढ़ से हुए नुकसान का विस्तृत रिपोर्ट बनाकर आर्थिक मदद करने के लिए एक विशेष प्रस्ताव तैयार कर सरकार को भिजवाने का सुझावा दिया जिससे प्रभावितों को हुए नुकसान के लिए राहत पहुंचाई जा सके।
केन्द्रीय अंतर मंत्रालयिक दल में गृह मंत्रालय में संयुक्त सचिव सुमन्त सिंह, वित्त मंत्रालय में सलाहकार आरबी कौल तथा जल संसाधन मंत्रालय में निदेशक एचएस सेंगर के साथ संभागीय आयुक्त कैलाश चन्द मीणा, जिला कलक्टर उज्ज्वल राठौड़, सीईओ जिला परिषद ममता तिवारी, अधीक्षण अभियंता सानिवि राजेश सोनी, विद्युत वीके अग्रवाल, जल संसाधन आरके जैमनी, जलदाय मोहनलाल मीणा, संयुक्त निदेशक कृषि रामअवतार शर्मा, उपनिदेशक महिला बाल विकास मनोज मीणा, सीएमएचओ भूपेन्द्र सिंह तंवर, उपखण्ड अधिकारी दीगोद एचडी सिंह, ईटावा रामअवतार बरनाला, विकास अधिकारी डॉ गोपाल मीणा सहित जन-प्रतिनिधिगण एवं विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।
केन्द्रीय मंत्रालयिक दल ने भ्रमण से पूर्व उम्मेद होटल में विभागीय अधिकारियों की बैठक लेकर जिले में बाढ़ से हुए नुकसान की विभागवार जानकारी ली। जिला कलक्टर ने बताया कि जिले में 508 गांवों में फसल, आवास, पशुहानि आदि नुकसान हुआ है। विभागवार जानकारी देते हुए अधिकारियों ने बताया कि 1100 किलोमीटर सड़को का नुकसान हुआ है। जलदाय विभाग के 67 ट्यूबवैल प्रभावित हुए हैं। विद्युत निगम के 250 ट्रांसफार्मर, दो स्थानों पर जीएसएस में नुकसान हुआ है। सिंचाई विभाग के 149 स्ट्रेक्चर को नुकसान पहुंचा है। जिले में 143 पशुओं की मौत होने की जानकारी अभी तक सर्वे में सामने आई है। विभागों द्वारा राहत के लिए प्रभावति क्षेत्रों में उठाये गये कदमों की भी विस्तार से जानकारी दी।