रायपुर। केन्द्र सरकार ने डॉ. श्यामाप्रसाद मुखर्जी रूर्बन मिशन के तहत हुए कार्यों के लिए छत्तीसगढ़ को प्रथम पुरस्कार से सम्मानित करने की घोषणा की है। यह पुरस्कार कल मंगलवार ग्यारह सितम्बर को नई दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित समारोह में दिया जाएगा। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने देश के गांवों को उनके मूल स्वरूप में रखते हुए ग्रामीणों को शहरों जैसी हर प्रकार की बुनियादी सुविधा दिलाने के लिए इस मिशन की शुरूआत की है।
छत्तीसगढ़ के लिए यह काफी महत्वपूर्ण है कि प्रधानमंत्री श्री मोदी ने लगभग ढाई साल पहले 21 फरवरी 2016 को इस मिशन का राष्ट्रव्यापी शुभारंभ राज्य के विकासखण्ड डोंगरगढ़ (जिला-राजनांदगांव) के नजदीक कुर्रूभांठ में किया था। प्रधानमंत्री की सर्वोच्च प्राथमिकता वाले इस मिशन में छत्तीसगढ़ लगातार बेहतरीन प्रदर्शन कर रहा है। केन्द्र सरकार ने लगभग 9 महीने पहले 08 दिसंबर 2017 को भुवनेश्वर (ओड़िशा) में आयोजित कार्यक्रम में देश के पूर्वी राज्यों में छत्तीसगढ़ को सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले राज्य के रूप में सम्मानित किया था। अब एक साल के भीतर यह दूसरा अवसर है जब छत्तीसगढ़ इस मिशन के तहत राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित होने जा रहा है और वह भी प्रथम पुरस्कार से।
मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने राज्य की इस महत्वपूर्ण उपलब्धि पर प्रसन्नता व्यक्त की है। उन्होंने इसके लिए रूर्बन मिशन से संबंधित क्लस्टरों की ग्राम पंचायतों, वहां के ग्रामवासियों, पंच-सरपंचों सहित प्रदेशवासियों को भी बधाई दी है। डॉ. सिंह ने कहा है कि प्रधानमंत्री की सर्वोच्च प्राथमिकता के इस मिशन में छत्तीसगढ़ का चयन राष्ट्रीय स्तर पर प्रथम पुरस्कार के लिए होना राज्य के लिए गौरव की बात है। उन्होंने मिशन के तहत विभिन्न योजनाओं को अमलीजामा पहनाने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों की भी प्रशंसा की है। पंचायत और ग्रामीण विकास मंत्री श्री अजय चन्द्राकर ने भी इस उपलब्धि पर खुशी प्रकट की है और बधाई दी है।
पंचायत और ग्रामीण विकास विभाग के अधिकारियों ने आज यहां बताया कि रूर्बन मिशन में प्रदेश के 16 जिलों-राजनांदगांव, धमतरी, बस्तर, कबीरधाम, महासमंुद, जांजगीर- चांपा, कोरिया, कोरबा, कांकेर, सरगुजा, बिलासपुर, रायगढ़, कोण्डागांव, जशपुर, रायपुर, बलरामपुर-रामानुजगंज जिलों को शामिल किया गया है। इन जिलों में तीन चरणों में 18 रूर्बन ग्राम पंचायत समूह (क्लस्टर) बनाकर इन क्लस्टरों की 172 ग्राम पंचायतों में चरणबद्ध ढंग से विभिन्न प्रकार के विकासमूलक कार्य करवाए जा रहे हैं। अधिकारियों ने जानकारी दी कि रूर्बन मिशन के प्रथम चरण में चार रूर्बन क्लस्टर चुने गए, जिनमें ग्राम मुरमुंदा (जिला-राजनंादगांव), लोहरसी (जिला-धमतरी), कुण्डा (जिला-कबीरधाम), मड़पाल (जिला-बस्तर), सोनहत (जिला-कोरिया), हरदीबाजार (जिला-कोरबा), बड़े कापसी (जिला-कांकेर) और रघुनाथपुर (जिला-सरगुजा) को शामिल किया गया। इन क्लस्टरों में से प्रत्येक के लिए अलग-अलग कार्ययोजना तैयार की गई। प्रथम चरण के क्लस्टरों के लिए वर्ष 2016-17 से वर्ष 2018-19 तक की परियोजना बनाई गई है।
अधिकारियों ने बताया कि दूसरे चरण में छह रूर्बन क्लस्टर बनाए गए जिनमें ग्राम भंवरपुर (जिला-महासमुंद), ग्राम जेठा (जिला-जांजगीर-चांपा) सोनहत (जिला-कोरिया), हरदीबाजार (जिला-कोरबा), बड़े कापसी (जिला-कांकेर) और रघुनाथपुर (जिला-सरगुजा) शामिल है। इनकी परियोजना वित्तीय वर्ष 2017-18 से 2019-20 के लिए तैयार की गई है। तृतीय चरण में आठ नये रूर्बन क्लस्टर बनाए गए। इनमें रामपुर (जिला-धमतरी), बिरकोना (जिला-कबीरधाम), जयरामपुर (जिला-बिलासपुर), मिरीगुड़ा(जिला-रायगढ़), बड़े कनेरा (जिला-कोण्डागांव), पालीडीह (जिला-जशपुर), मंदिरहसौद (जिला-रायपुर) और बसंतपुर (जिला-बलरामपुर-रामानुजगंज) शामिल किए गए हैं। तृतीय चरण के क्लस्टरों के लिए भी परियोजना अवधि वित्तीय वर्ष 2017-18 से 2019-20 निर्धारित की गई है। रूर्बन मिशन में छत्तीसगढ़ का चयन सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन वाले राज्यों की श्रेणी में प्रथम पुरस्कार के लिए किया गया है। केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय की निदेशक सुश्री रूपअवतार कौर ने प्रदेश सरकार के ग्रामीण विकास विभाग के सचिव श्री पी.सी. मिश्रा को पत्र लिखकर इस आशय की सूचना दी है और यह भी बताया है कि पुरस्कार वितरण समारोह नई दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित किया जाएगा।
रूर्बन मिशन में छत्तीसगढ़ की सर्वश्रेष्ठ उपलब्धियां
अधिकारियों के अनुसार यह भी विशेष रूप से उल्लेखनीय है कि रूर्बन मिशन के इन सभी 18 क्लस्टरों की 172 ग्राम पंचायतें प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के स्वच्छ भारत मिशन के तहत खुले में शौच मुक्त हो चुकी हैं। इसके अलावा प्रथम और द्वितीय चरण के 10 क्लस्टरों में शामिल 116 ग्राम पंचायतों में से 51 ग्राम पंचायतों में ठोस कचरा प्रबंधन का कार्य भी शुरू हो गया है। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 10 क्लस्टरों में 10 हजार 365 गरीब परिवारों को पक्के मकान स्वीकृत किए गए थे। इनमें से 9 हजार 412 (लगभग 90.8 प्रतिशत) मकानों का पूर्ण हो गया है। इन दस क्लस्टरों में प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत अब तक 34 हजार 737 गरीब परिवारों में से 27 हजार 703 महिला हितग्राहियों (79.8 प्रतिशत) को रसोई गैस कनेक्शन, डबल बर्नर चूल्हा और पहला भरा हुआ सिलेण्डर दिया जा चुका है। युवाओं को हुनरमंद बनाने के लिए चल रही कौशल विकास योजना के तहत दस क्लस्टरों में 8 हजार 983 युवाओं को विभिन्न व्यवसायों के लिए प्रशिक्षित किया जा चुका है। इतना ही नहीं बल्कि 10 क्लस्टरों में सार्वजनिक परिवहन सुविधाओं के साथ नागरिक सेवा केन्द्रों की भी शुरूआत हो चुकी है।