गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई का आज जन्म दिन है। 44 साल पहले चेन्नई के एक साधारण परिवार में जन्म हुआ था। तब उनके परिवार में टीवी सेट नहीं था। उनके कैरियर की कहानी किसी फिल्म से कम नहीं है। 1993 में पहली बार अमेरिका पहुंचने पर उन्होंने एक बैकपैक खरीदने की सोची।
जब वो बैकपैक खरीदने एक स्टोर में गए तो उसकी कीमत सुनकर शॉक लगा। उनके पास इतने पैसे नहीं थे कि वो 60 डॉलर की कीमत वाला बैकपैक खरीद सकें। पिचाई के अनुसार पहले साल उन्होंने अपनी पढ़ाई सैकेंड हैंड बैकपैक खरीद कर पूरी की थी।
घर में था केवल एक नीले रंग का स्कूटर
पिचाई का बचपन काफी साधारण तरीके से गुजरा। मां एक कंपनी में स्टेनोग्राफर थी और पिता और उनके पिता रघुनाथ पिचाई ब्रिटिश कंपनी समूह जीईसी में इलेक्ट्रिक इंजीनियर थे। बाद में उन्होने इस कंपनी को छोड़ दिया और अपनी खुद की एक फैक्ट्री खड़ी कर ली, जिसमें बिजली के उपकरण बनते थे।
पिता से मिला टेक्नोलॉजी के प्रति आर्कषण
रघुनाथ बताते हैं, ‘मैं जब घर लौटता था तो उससे (बेटे सुंदर से) अपने दिन भर के काम और उसे पूरा करने की चुनौतियों के बारे में बताया करता था। सुंदर जब बड़ा हो गया, तब भी उसे मेरे काम के बारे में जानने की ललक रहती थी। मुझे लगता है कि इसी वजह से वह टेक्नॉलजी के प्रति आकर्षित हुआ।’
परिवार के पास उस समय आने-जाने के लिए केवल एक नीले रंग का स्कूटर था। इस स्कूटर को सुंदर के पिता रघुनाथ चलाते थे। चारों लोग इस स्कूटर या फिर खचाखच भरी सिटी बस में सवारी करते थे। चार सदस्यों का यह परिवार दो रूम के अपार्टमेंट में रहता था। सुंदर अपने छोटे भाई के साथ लिविंग रूम में सोते थे।
13 अरब रुपये मिला इस साल मिला बोनस
गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई को पिछले साल करीब 200 मिलियन डॉलर यानी 13 अरब रुपये मिले हैं। ये पैसा उन्हें बोनस के रूप में दिया गया है। बताया जा रहा है कि ये साल 2015 में मिले पैसे का दोगुना है। दरअसल, 2015 में सीईओ बनाए जाने के बाद उन्हें 99.8 मिलियन डॉलर का शेयर दिया गया था और अब ये आकंड़ा 199.8 मिलियन डॉलर तक पहुंच गया।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पिचाई ने पिछले साल करीब 650000 डॉलर सैलेरी पाई थी। इससे पहले साल 2015 में उन्होंने 652500 सैलरी कमाई। दरअसल, 2015 में पिचाई कंपनी के सीईओ बने थे और उनकी काबिलीयत के आधार पर उनका स्टॉक अवॉर्ड बढ़ता जा रहा है।
सुंदर पिचाई के जीवन की प्रमुख बातें
एंड्राइड ओएस की सफलता के पीछे सुंदर का बहुत बड़ा हाथ है लेकिन आपको यह जानकार हैरानी होगी कि उनको पहली बार फोन तब देखने को मिला जब वो 12 साल के हुए।
सुंदर को बचपन से ही फोन नंबर तुरंत ही याद हो जाते थे। इसके साथ ही वो तकनीक में भी गहरी रूचि रखते थे।
पिचाई ने आईआईटी से पढ़ाई की है और इसके बाद उन्होंने स्टेनफर्ड यूनिवर्सिटी और वार्टन स्कूल ऑफ बिजनेस से अपनी आगे की पढ़ाई की है। जब वो स्कॉलरशिप लेकर विदेश जाने वाले थे तो उन्हें बाहर भेजने के लिए उनके पिता को अपनी सारी जमापूंजी लगानी पड़ी थी।
ऐसी अफवाह है कि कुछ साल पहले ट्विटर ने उन्हें अपने साथ लाने की कोशिश की थी लेकिन गूगल ने उन्हें जाने से रोकने के लिए उनको बहुत अच्छा पैकेज ऑफर किया था।
फुटबॉल और चेस के साथ-साथ उन्हें क्रिकेट खेलना भी बहुत पसंद है। वो अपने स्कूल में क्रिकेट टीम के चैंपियन हुआ करते थे।
ऐसा कहा जाता है कि माइक्रोसॉफ्ट ने भी उन्हें कंपनी का तीसरा सीईओ बनने का ऑफर दिया था।
सुंदर पिचाई को मीठा बिल्कुल पसंद नहीं था और यही वजह है कि वो पायसम में सांभर मिला लिया करते थे।
पिचाई ने अपना पहला मोबाइल फोन 1995 में खरीदा और पहला स्मार्ट फोन 2006 में।