भारत से निकलने वाला संभवत: इकलौता चाइनीज अखबार ‘द ओवरसीज चाइनीज कॉमर्स ऑफ इंडिया’ करीब 50 साल के बाद बंद हो गया है। इसे ‘सियोंग पाउ’ (Seong Pow) के नाम से भी जाना जाता था। कोलकाता से निकलने वाले इस अखबार को मंदारिन भाषा में छापा जाता था, जो चीन की प्रमुख और आधिकारिक भाषा है।
इस अखबार को ली युन चिन ने वर्ष 1969 में शुरू किया था। रिपोर्ट के मुताबिक, इसका आखिरी संस्करण मार्च 2020 में निकला। बताया जा रहा है कि भारत में मंदारिन जानने वालों की कमी इस अखबार के बंद होने के पीछे सबसे बड़ा कारण है।
दरअसल, कोलकाता के टंगरा इलाके में चीनी लोगों की ज्यादा आबादी रहती है, उनके लिए यह अखबार निकाला जाता था। कोविड-19 की पहली वेब के दौरान जब लॉकडाउन लगा तो इस अखबार के दफ्तर पर भी ताला लग गया। इसी बीच उसी साल जुलाई में अखबार के संपादक कू साइ चांग (Kuo Tsai Chang) की भी मौत हो गई। उनकी मौत के बाद अखबार पूरी तरह से बंद हो गया। लॉकडाउन के दौरान इसके बंद होने से पहले चार पन्नों के इस अखबार की रोजाना लगभग 200 कॉपियां छपा करती थीं।
मीडिया रिपोर्ट्स में चाइनीज एसोसिएशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष चेन याओ हुआ के हवाले से कहा गया है कि अखबार का ऑफिस जिस टंगरा क्षेत्र में है, वहां पर चीनी आबादी घट रही है। टंगरा में जो थोड़े-बहुत युवा हैं, वे ठीक से मंदारिन पढ़-लिख नहीं सकते हैं। यही वजह है कि सियोंग पाउ के प्रकाशन को जारी रखना असंभव हो गया था।