कोटा के कलेक्टर ने कोचिंग संस्थान के लिए कई दिशा निर्देश जारी किए हैं।
कोचिंग संस्थानों में प्रवेश एवं निकास के लिए अलग-अलग द्वार होंगे। प्रवेश के समय मास्क लगाना अनिवार्य होगा, सैनेटाईजर एवं मास्क कोचिंग संस्थान द्वार पर जांच करने के बाद ही प्रवेश देंगे। प्रत्येक कोचिंग संस्थान व हॉस्टल में सीसीटीवी कैमरों की व्यवस्था होगी। कोरोना बचाव से संबंधित जागरूकता सामग्री का प्रदर्शन सभी प्रमुख स्थानों पर किया जाकर डिजिटल रूप से भी समय-समय पर प्रसारण की व्यवस्था करेंगे।
जिला कलेक्टर उज्ज्वल राठौर की अध्यक्षता में सोमवार को कोचिंग संस्थानों, हॉस्टल एसोसिएशन एवं शिक्षण संस्थानों के प्रतिनिधियों की बैठक टैगोर सभागार में आयोजित बैठक में लिए गए। अन्य लिए गए निर्णयों के मुताबिक एम्बूलेंस एवं प्राथमिक उपचार की व्यवस्था करना अनिवार्य होगा। हेल्थ काउंसलर प्रतिदिन विद्यार्थियों को कोविड बचाव एवं रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने की जानकारी देंगे।कोचिंगों में बैठक व्यवस्था क्षमता से 50 प्रतिशत की जाकर सामाजिक दूरी की पालना अनिवार्य रूप से की जायेगी।
हॉस्टलों में प्रत्येक विद्यार्थी को अलग-अलग कक्ष रहवास के लिए दिया जायेगा। सभी विद्यार्थियों को भोजन गुणवत्तापूर्ण एवं पौष्टिक दिये जाने के साथ साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखा जायेगा। भोजन बनाते व परोसते समय मास्क, गल्ब्ज लगाना अनिवार्य होगा। विद्यार्थी हॉस्टल से केवल कोचिंग के लिए जा सकेंगे, आवश्यक सामग्री की आपूर्ति ऑनलाईन की जायेगी। प्रत्येक हॉस्टल में कोविड संक्रमित बच्चों के लिए चार कक्ष आरक्षित रखे जायेंगे तथा नियमित रूप से हॉस्टल की सफाई व सैनेटाईजेशन की व्यवस्था करने,कोरोना जांच के समय विद्यार्थियों को संबंधित हॉस्टल का पूरा पता लिखना होगा तथा चिकित्सा विभाग जांच के उपरान्त कोरोना किट समय पर उपलब्ध करायेंगे। विद्यार्थियों को कोचिंग व हॉस्टलों में प्रवेश के समय तथा नियमित रूप से रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए योगासन व खान-पान के संबंध में जानकारी देेंने के निर्णय भी लिए गये।
जिला कलेक्टर ने कहा कि सभी कोचिंग संस्थान एवं हॉस्टल कोटा में आने वाले विद्यार्थियों को अभिभावकों की भांति गुणवत्तापूर्ण सुविधाऐं एवं माहौल प्रदान कर कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए सरकार द्वारा जारी गाईडलाईन एवं एसओपी की पालना अनिवार्य रूप से करना सुनिश्चित करे। उन्होंने कहा कि हम सभी का दायित्व है कि कोटा में कोचिंग प्राप्त करने के लिए देशभर से आने वाले विद्यार्थियों की सुरक्षा एवं स्वास्थ्य का ध्यान रखकर सभी व्यवस्थाऐं गुणवत्तापूर्ण करे। उन्होंने प्रत्येक कोचिंग संस्थान पर एम्बूलेंस, प्राथमिक उपचार की किट एवं बैठक व्यवस्था के समय क्षमता से 50 प्रतिशत विद्यार्थियों को कोचिंग के लिए बुलाने के निर्देश दिए। सभी शिक्षण संस्थाओं में प्रवेश एवं निकास के समय सामाजिक दूरी की पालना करने, कोरोना से बचाव की सामग्री का प्रदर्शन करने, सीसीटीवी कैमरे अनिवार्य रूप से लगवाने के निर्देश दिए।
जिला कलेक्टर ने कहा कि कोरोना संक्रमण के सामान्य लक्षण दिखाई देने पर तुरन्त विद्यार्थी की जांच करवाकर आईसोलेट की व्यवस्था भी की जाये। उन्होंने कहा कि हॉस्टलों में प्रत्येक विद्यार्थी को रहवास के लिए अलग-अलग कक्ष दिया जाये। कोचिंग कार्य के अलावा हॉस्टल से बाहर किसी भी विद्यार्थी का भ्रमण प्रतिबंधित किया जाये। उन्होंने हॉस्टलों में आइसोलेट के लिए चार कक्ष आरक्षित रखने तथा गुणवत्तापूर्ण भोजन एवं योग प्रणायाम जैसी गतिविधियों के लिए विद्यार्थियों को प्रेरित करने के निर्देश दिए।
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शहर प्रवीण जैन ने कहा कि कोचिंग संस्थान थानास्तर पर निरंतर संपर्क में रहे एवं सरकार द्वारा एसओपी की पालना नियमित रूप से करायें। उन्होंने कहा कि हॉस्टलों में विद्यार्थियों को आवश्यक सामग्री की पूर्ति के लिए बाहर नहीं निकलना पड़े इसके लिए ऑनलाईन प्लेटफॉर्म से सुविधाओं की आपूर्ति की जाये।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. भूपेन्द्र सिंह तंवर ने कहा कि प्रत्येक शिक्षण संस्थान कोेरोना गाईडलाईन की पालना करते हुए किसी भी प्रकार की समस्या आने पर चिकित्सा विभाग के नियंत्रण कक्ष को समय पर सूचना दे। उन्होंने कोरोना संक्रमण के बाद बरती जाने वाली सावधानियों तथा सरकार द्वारा दी जा रही सुविधाओं की जानकारी दी। अतिरिक्त मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. घनश्याम मीणा ने सरकार द्वारा जारी एसओपी के बारे में प्रजेन्टेशन के बारे में जानकारी दी।
अतिरिक्त कलक्टर सीलिंग सत्यनारायण अमेठा, अतिरिक्त प्राचार्य मेडिकल कॉलेज डॉ. देवेन्द्र विजयवर्गीय ने भी जानकारी दी। एलन कोचिंग संस्थान के नवीन महेश्वरी ने बताया कि विद्यार्थियों के लिए अलग से अस्पताल की सुविधा भी शुरू की गई है। इस अवसर पर सभी कोचिंग संस्थानोें, हॉस्टल एसोसिएशन तथा विभिन्न शिक्षण संस्थाओं के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।