नई दिल्ली। संगीत के माध्यम से शांति और सौहार्द का संदेश जन-जन तक पहुंचाने के लिए लगभग एक दशक से प्रयास करती आ रही नाद फाउंडेशन द्वारा शुरू की गयी ‘कन्सर्ट फॉर हारमनी’ श्रृंखला का समापन कन्सर्ट आज नई दिल्ली स्थित श्री सत्य सांई ऑडीटोरियम में किया गया। जहां युवा प्रतिभा तुहीन चक्रवर्ती व गु्रप, प्रसिद्ध ठुमरी गायिका डॉ. रीता देव एवम् संतूर वादक पद्मश्री पं. भजन सोपोरी ने अपने प्रस्तुतिकरण से उपस्थित मेहमानों एवम् अन्य को मंत्र-मुग्ध किया।
‘कन्सर्ट फॉर हारमनी’ शीर्षक से आयोजित इस श्रृंखला की शुरूआत दिल्ली में 15 अप्रैल, 2017 को हुई थी, जिसके बाद देश के विभिन्न भागों; शिमला, बैंगलोर, मुंबई, कोलकाता सहित कई अन्य शहरों में सफलतापूर्वक आयोजित कन्सर्ट के बाद आज दिल्ली में ही सम्पन्न हुई।
कार्यक्रम की शुरूआत मुख्यातिथि श्री विजय जौली, श्रीमति ऋचा वशिष्ठ, अवध कुमार सिंह, डी.डी. अग्रवाल ने विधिवत् अंदाज में दीप जलाकर की। जिसके बाद संगठन एवम् इस श्रृंखला के विषय में उपस्थित श्रोताओं को जानकारी दी गयी और मंच संभाला युवा प्रतिभा तुहीन चक्रवर्ती ने। उन्होंने अपने गु्रप के साथ एकाएक सशक्त संगीत प्रस्तुति से अपनी प्रतिभा का जौहर दिखाया और श्रोताओं की सकारात्मक प्रतिक्रिया प्राप्त की। उनके बाद विदूषी स्व. गिरिजा देवी की शिष्या व ठुमरी गायिका डॉ. रीता देव ने अपने प्रस्तुतिकरण से शाम को आगे बढ़ाया और श्रोताओं के उत्साह को कहीं अधिक बढ़ा दिया। उनका गायन व प्रस्तुति का अंदाज बेहद खूबसूरत और जबरदस्त रहा।
कन्सर्ट की अंतिम प्रस्तुति रही संतूर वादक पंडित भजन सोपोरी की जिन्होंने अपने साथी कलाकारों प्रसिद्ध तबला वादक दुर्जय भौमिक और युवा पखावज वादक रिषी उपाध्याय की संगीत में शानदार व दिल को छूता संतूर वादन प्रस्तुत करते हुए उपस्थित मेहमानों व अन्य का दिल जीता। सूफीयाना कशमीर घराना के खलीफा पंडित भजन सोपोरी ने आलाप-जोड़-झाला, ताल व गतों का बखूबी प्रदर्शन किया। सभागार में तालियों की गड़गड़ाहट के बीच श्रोताओं की गर्म-जोशी ने सफलतम आयोजन को गुंजायेमान किया।
नेशनल फाउंडेशन फॉर कम्यूनल हारमनी के सहयोग में आयोजित इस कन्सर्ट श्रृंखला में कई युवा व स्थापित कलाकारों ने शिरकत की और अपने प्रस्तुतिकरण से इस मुहिम को आगे बढ़ाने में अहम् भूमिका निभायी। भारतीय शास्त्रीय संगीत की गहराई द्वारा शांति के वातावरण को बहाल करने का लक्ष्य हासिल करने के लिए, हिन्दुस्तानी शास्त्रीय संगीत के लोकप्रिय कलाकारों में बांसुरी वादक पं रोणु मजूमदार, मोहन वीणा वादक पं विश्व मोहन भट्ट, गायक रितेश-रजनीश मिश्रा, डॉ. नबनाता चौधरी, तबला उस्ताद साबर खान, सितार वादक पार्थो बोस, सरोद वादक विश्वजित राय चौधरी आदि के नाम प्रमुख थे।
कार्यक्रम के मुख्यातिथि श्री विजय जौली ने ‘कन्सर्ट फॉर हारमनी’ हेतु आयोजकों की भूरि-भूरि प्रशंसा करते हुए शुभाकामनायें दी। उन्होंने कहा कि इस आयोजन के माध्यम से नवोदित कलाकारों को सशक्त मंच प्रदान किया गया है। आज हम भौतिकवादी युग में हैं जहां रोजमर्रा के जीवन के विविध अंदाज में उलझे हैं लेकिन ऐसे कार्यक्रमों से न केवल सुकून मिलता है बल्कि इन कलाकारों को महसूस करने का भी मौका मिलता है। शुरूआत में एस.डी स्कूल के बच्चे जो अपनी आंखों से भारत को नहीं देख सकते उन्होंने बहुत ही शानदार तरीके से राष्ट्रगान प्रस्तुत किया वह बहुत मधुर था। इन बच्चों ने प्रधानमंत्री के समक्ष अपना कार्यक्रम की मन की बात मेरे समक्ष रखी है और हम कोशिश करेंगे कि उनकी यह इच्छा पूरी हो सके। इसके अतिरिक्त श्री जौली ने अंग्रेजी के साथ-साथ मातृभाषा हिन्दी को प्रसारित करने की बात भी कही।
मौके पर नाद फाउंडेशन के दुर्जय भौमिक ने कहा कि बहुत ही अजीब माहौल है, शांति और सुकून के पल मिलना दूभर हो गया है। हमारा उद्देश्य है कि उस शांति व सुकून के पल प्रदान करें और विभिन्न प्रयासों के बीच हमने यह कन्सर्ट श्रृंखला आयोजित की, जहां हमें दर्शकों का व अन्य संगीत प्रेमियों का खासा सहयोग मिला जो काफी संतोषजनक है। लगभग 8 माह के दौरान बहुत ही अच्छे अनुभव प्राप्त हुए, काफी कुछ जाना व नित् नया करने के लिए हम प्रयासरत हैं और हमारे प्रयास आगे भी जारी रहेंगे।
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