चेन्नई की तमिल पत्रिका ‘तुगलक’ (Tughlaq) के संपादक एस. गुरुमूर्ति के घर रविवार को बाइक सवार 8 लोगों ने पेट्रोल बम फेंकने की कोशिश की गई। हालांकि, कुत्ते के भौंकने और सुरक्षाकर्मियों की सतर्कता की वजह से हमलावर अपनी मंशा में सफल नहीं हो सके और मौके से फरार हो गए। इस मामले में पुलिस ने अब थंथई पेरियार द्रविड़ कषगम (टीपीडीके) के आठ कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया है।
पुलिस आयुक्त ए.के. विश्वनाथन ने सोमवार को बताया कि हमले की कोशिश रविवार की सुबह तीन बजे हुई। घटनास्थल से मिले सीसीटीवी फुटेज के आधार पर आईसीएफ के जर्नाधन और रॉयपेट्टा के शशिकुमार, बालू, तमीष, प्रशांत, शक्ति, दीपन और वासुदेवन को गिरफ्तार किया गया है। शशिकुमार पर पहले से ही कई आपराधिक मामले दर्ज हैं। उस पर वूडलैंड्स होटल और सत्यम थिएटर पर पेट्रोल बम फेंकने के भी आरोप हैं।
पुलिस आयुक्त ने कहा कि मामले को गंभीरता से लेते हुए पुलिस रविवार को ही जांच शुरू कर दी थी लेकिन गणतंत्र दिवस की वजह से मीडिया में इसके बारे में ज्यादा खुलासा नहीं किया गया। तमिल पत्रिका ‘तुगलक’ ने तर्कवादी नेता ईवी रामास्वामी पेरियार (EV Ramaswami Periyar) के नेतृत्व वाली 1971 की रैली से जुड़ी कुछ तस्वीरें दोबारा प्रकाशित की थी., जिसके कुछ दिनों बाद चार मोटरसाइकिलों पर सवार आठ लोग रविवार को तड़के तीन बजे गुरुमूर्ति के घर के बाहर पहुंचे और उनके घर पर पेट्रोल बम से हमला करने की कोशिश की।
जांच के तहत जब पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज खंगाला तो देखा कि आठ लोग चार बाइक पर सवार होकर गुरुमूर्ति के आवास के पास आए। उनमें से एक के पास संदिग्ध बैग भी था। उसके बाद आरोपी गुरुमूर्ति के घर के परिसर में बॉटल फेकने की कोशिश की। इसी दौरान गुरुमूर्ति के घर पर मौजूद कुत्ता भौंकने लगा। ड्यूटी पर तैनात सुरक्षाकर्मी ने जब उनका पीछा किया तो हमलावर वहां से फरार हो गए। घटना के बाद पुलिस आयुक्त समेत अन्य उच्च पुलिस अधिकारी घटनास्थल पर पहुंचे और मौका मुआयना किया और सीसीटीवी के आधार पर इनकी गिरफ्तारी की गई है।
वहीं, गुरुमूर्ति ने हमले के बारे में जानकारी साझा करते हुए ट्वीट किया, ‘मेरे परिवार की जीवनशैली कुत्ता रखने की अनुमति नहीं देती, लेकिन मेरे पुराने दोस्त अपने एक कुत्ते को रात दस बजे से सुबह पांच बजे तक मेरे घर पर पहरेदारी के लिए भेज देते हैं। यह सिलसिला पिछले पांच वर्षो से चल रहा है।’
गुरुमूर्ति ने बताया कि राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल भी उन्हें सलाह दे चुके हैं कि क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए। खुफिया विभाग के एक अधिकारी अकसर उनके घर आते हैं और सतर्क करते रहते हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें मारने की यह पहली कोशिश नहीं है, बल्कि यह सिलसिला तो 30 वर्षो से चल रहा है।
गौरतलब है कि वर्ष 2013 में भी गुरुमूर्ति के आवास पर ऐसी ही घटना हुई थी।